Monday 19 February 2018

“ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम का शुभारम्भ



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया  हाल में सोमवार को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम का  शुभारम्भ हुआ. यह कार्यक्रम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन शिक्षण और शिक्षक पर आयोजित है. इसका आयोजन बिजनेस मैनेजमेंट विभाग और अलीगढ़ विश्वविद्यालय  के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है. 
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि डा. अरुण कुमार सिंह ने कहा सेवा का कोई भी क्षेत्र हो वहां नैतिकता का अनुसरण करने से समस्या का समाधान हो जाता है. उनका मानना है कि नैतिक मूल्यों का उपदेश दूसरों को देने से पहले उसे अपने ऊपर भी लागू करना चाहिए, तभी वह प्रभावी होगा. गांधीजी नैतिक मूल्यों पर चलकर ही राष्ट्रपिता बनें. उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि मनुष्य चेतनाशून्य होता है बल्कि उसकी चेतना विषयगत होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि किसी पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भागना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि डा. एसपी सिंह ने कहा कि हमें बोलने की कम और सुनने की ज्यादा आदत डालनी चाहिए, तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं। अमित वत्स ने अतिथियों का स्वागत किया और डा. सुशील सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. अतिथियों का परिचय और संचालन समारोह के आयोजक डा. मुराद अली ने किया. इस अवसर पर प्रोफेसर बीडी शर्मा, डा. नुपुर तिवारी,डा. आशुतोष सिंह, , डॉ मनोज मिश्रा,डा. सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डा. विवेक पांडेय, विद्युत मल्ल, डा.विनय वर्मा, डा. विजय मौर्या आदि थे.


प्रथम सत्र में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एफएमएस के प्रोफेसर एचपी माथुर ने कहा कि कर्मचारियों को संगठित रखकर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. इसके लिए मोटिवेशन जरूरी है. उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह वित्तीय संस्थान, प्रेस से भी बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि विश्वविद्यालय को विदेशी संकाय और छात्रों को आकर्षित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाओं पर काम करना चाहिए. उन्होंने उच्च शिक्षा के प्रशासकों के बीच भावात्मक ज्ञान बढ़ाने की कला के बारे में बताया. कहा कि इससे हम किसी भी संस्थान को अच्छे और सफल ढंग से चला सकते हैं. सत्र का संचालन आयोजन डा. मुराद अली और आभार डा. सुशील सिंह ने व्यक्त किया। 

No comments:

Post a Comment