Monday 13 November 2017

शिक्षक समाज की अच्छाइयों को पहचाने

विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ।तीसरे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज की अच्छाइयों को पहचाने एवं स्वयं पर लागू करें। उन्होंने दूसरे के प्रति व्यवहार एवं स्त्री पुरुष के भावनात्मक संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में बच्चों को मनोविज्ञान की शिक्षा देने की आवश्यकता है ताकि उसमे मैत्री, करुणा और दया की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि आज अधिकांश लोगों की मानसिकता धन अर्जित करने की हो गई है जिसके फलस्वरुप भारत की संस्कृति का अधोपतन हो रहा है। इस पर आज के परिवेश में चिंतन करने की आवश्यकता है।समापन सत्र में डीन प्रो बीबी तिवारी एवं डॉ रजनीश भास्कर ने अतिथियों को स्मृति चिंह भेंट किया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यशाला में डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ यू आर  प्रजापति, डॉ प्रवीण सिंह, शैलेश प्रजापति, डॉ सुधीर सिंह, जया शुक्ला समेत इंजीनियरिंग के शिक्षक मौजूद रहे।
मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत करे शिक्षक 
कार्यशाला के दूसरे दिन आई.आई.टी. बी.एच.यू. से आये श्री योगेश कुमार सिंह ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा  कि जीने के लिये स्वस्थ्य शरीर, भयमुक्त, शिकायत मुक्त एवं व्यवस्था में भागीदारी का होना जरूरी है। समाज में गरीबी, अमीरी और समृद्धि पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि छात्रों में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जिसमें छात्र अपने सभी मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें और अभावमुक्त, समृद्धि पूर्वक जीवन को व्यतीत करें। कार्यशाला के दूसरे दिन  स्वव्यवस्था पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0वी0 तिवारी धन्यवाद ज्ञापन डाॅ रजनीश भाष्कर ने दिया। कार्यशाला में डाॅ अमरेन्द्र सिंह, डाॅ जे0पी0 लाल, डाॅ यू0आर0 प्रजापति,डाॅ प्रवीण कुमार सिंह, डाॅ शैलेश कुमार प्रजापति, डाॅ दीप प्रकाश, डाॅ प्रशान्त यादव, डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार पाल,  तुषार श्रीवास्तव, अर्चना सिंह आदि लोग मौजूद रहें।

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