Saturday 11 November 2017

स्मॉग का मानव स्वास्थ्य पर पड़ा बुरा असर




फोटो केमिकल स्मॉग के विभिन्न आयामों पर मंथन कार्यक्रम का हुआ आयोजन 
पर्यावरण विज्ञान विभाग में हुआ कार्यक्रम 

विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा फोटो केमिकल स्मॉग के विभिन्न आयामों पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उत्तर भारत में छाई धुंध स्मॉग के कारण, निवारण एवं बचाव पर अपनी बात रखी।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षक डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि आज के दौर में हमें मूलभूत आवश्यकताओं को सीमित करने की जरूरत है। इन दिनों छाई धुंध से मानव के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। जिससे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। 
माइक्रोबायोलॉजी के शिक्षक डॉक्टर एस सी तिवारी ने कहा कि यह एक चिंतनीय पर्यावरण का  विषय है। जिसका निस्तारण मानव अपने दैनिक क्रियाकलापों में बदलाव करके कर सकता है। इस स्मॉग पर नियंत्रण के लिए सरकार को पर्यावरण सुरक्षा के लिए नई नीति बनानी होगी। फार्मेसी विभाग के शिक्षक सुरेंद्र सिंह ने स्मॉग के कारण मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव और उपचार के बारे में बताया।पर्यावरण विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुधीर उपाध्याय ने स्मॉग बनने के वैज्ञानिक एवं भौगोलिक कारणों पर विस्तार से अपनी बात रखी। 
उन्होंने कहा कि  सड़कों के किनारे अशोक के पेड़, नदियों के किनारे वेटलैंड सिस्टम को विकसित करने की जरूरत है। 
डॉ विवेक पांडे ने कहा कि उद्योगों से निकलने वाले जहरीले गैस को कम करने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने पड़ेंगे। 
डॉ अवध बिहारी सिंह ने कहा कि ऐसे  क्षेत्र में लोग भी पीड़ित हैं जिनका इसके उत्पादन में कोई दोष नहीं है यह दुखद है। मंथन कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कार्तिकेय शुक्ला ने किया। विषय प्रवर्तन डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर।इस अवसर पर विभिन्न विभागों के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत करे शिक्षक 

विश्वविद्यालय  के इंजीनियरिंग संस्थान में शिक्षकों के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन आई.आई.टी. बी.एच.यू. से आये श्री योगेश कुमार सिंह ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा  कि जीने के लिये स्वस्थ्य शरीर, भयमुक्त, शिकायत मुक्त एवं व्यवस्था में भागीदारी का होना जरूरी है। समाज में गरीबी, अमीरी और समृद्धि पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि छात्रों में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जिसमें छात्र अपने सभी मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें और अभावमुक्त, समृद्धि पूर्वक जीवन को व्यतीत करें। कार्यशाला के दूसरे दिन  स्वव्यवस्था पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0वी0 तिवारी धन्यवाद ज्ञापन डाॅ रजनीश भाष्कर ने दिया। कार्यशाला में डाॅ अमरेन्द्र सिंह, डाॅ जे0पी0 लाल, डाॅ यू0आर0 प्रजापति,डाॅ प्रवीण कुमार सिंह, डाॅ शैलेश कुमार प्रजापति, डाॅ दीप प्रकाश, डाॅ प्रशान्त यादव, डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार पाल,  तुषार श्रीवास्तव, अर्चना सिंह आदि लोग मौजूद रहें।

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