Saturday 28 October 2017

युवाओं का मार्गदर्शन करें शिक्षण संस्थान - राम नाईक

 विश्वविद्यालय में शिक्षा पद्धति विषयक तीन दिवसीय  सम्मलेन शुरु 
राज्यपाल ने किया सम्मलेन का उद्घाटन 


जौनपुर :वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में शनिवार को संगोष्ठी  भवन में भारतीय विश्वविद्यालय शिक्षा पद्धति विषयक तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई।

सम्मेलन के उद्घाटन  सत्र में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक  ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी देश की प्रगति में वहां की शिक्षा पद्धति का विशेष योगदान होता हैl यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास सबसे बड़ी पूंजी के रूप में युवा है, संख्या शास्त्र बताता है कि 2025 में भारत विश्व की सबसे बड़ा युवा शक्ति  वाला देश होगाl  इसका उपयोग शिक्षा के माध्यम से ही करना होगा l उन्होंने कहा कि देश का जिम्मा युवाओं के हाथ में है इन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है यह  काम शिक्षा संस्थान  ही कर सकते हैं l उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का विषय प्रासंगिक और उपयोगी है l ऐसे में जो भी विचार आए उसके निष्कर्ष मुझे भी भेजे जाएं ताकि मैं उसे अमल मे ला सकूं। उन्होंने कहा  कि विश्वविद्यालय शोध कराने की फैक्ट्री ना बने इसके बजाय उसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर देना चाहिए l  इसी को ध्यान में रखकर मैंने कुलपति गण  की बैठक बुलाई। उन्होंने  महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले शिक्षा और नर्सिंग के क्षेत्र में महिलाएं नौकरी करती थी अब वह पुलिस -सेना से लेकर बड़े बड़े पदों पर कुशलता के साथ  सेवारत  हैं।  इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को  ऐतरेय ब्राह्मण के सूत्र चरैवेति चरैवेति - चलते रहो  का  मंत्र दिया।  


विशिष्ट अतिथि  बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रमेश चंद्रा ने कहा कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था बदलाव के राह पर हैl हम विश्व में टॉप फाइव पर आने के इच्छुक हैं lइसके लिए हमें कड़ी मेहनत की जरूरत है।  उन्होंने शिक्षा व्यवस्था और शासन की नीतियों का वर्णन करते हुए दोनों के बीच सामंजस्य पैदा करने की जरूरत पर बल दिया।  उन्होंने कहा  कि   मानदेय शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता को नहीं बढ़ाया जा सकता।  

विशिष्ट अतिथि कार्य परिषद के सदस्य डॉ दीनानाथ सिंह ने कहा कि शिक्षा मन का भाव हैl यह जब मन में सार्थक भाव आता है तो सृष्टि होती है।  lपंडित दीनदयाल उपाध्याय को उन्होंने मनीषी बताते हुए कहा कि  प्रतिभाशाली  छात्र होते हुए भी उन्होंने अपनी सारी डिग्रियों को ढिबरी में जला कर  देश के पुनर्निर्माण  में लग गए।   उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिबद्धता के लिए सुसंवाद का होना जरूरी है नहीं तो उसके मूल्य मर जाएंगेl

अतिथियों का स्वागत करते हुए  कुलपति प्रोफेसर डॉ  राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियों को अर्जित कर रहा है। देश का  यह पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां शोध की गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय ने अपने स्रोत से पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की व्यवस्था की है। परिसर में सांस्कृतिक एवं नैतिक संचार हेतु श्री  राम कथा प्रवचन का आयोजन करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि  यहां के विद्यार्थियों को प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जाय। इसके लिए शीघ्र ही नए पाठ्क्रम प्रारम्भ किये जा रहे हैं। 

धन्यवाद ज्ञापन सम्मेलन के संयोजक डॉक्टर अविनाश पाथर्डीकर एवं संचालन मीडिया प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर बी.बी. तिवारी,डालमिया कॉलेज मुंबई  प्राचार्य डॉ एन एन पांडेय,वित्त अधिकारी एम् के सिंह,कुलसचिव संजीव सिंह, प्रो आर एन त्रिपाठी, प्रो आर एन सिंह, डॉ यूपी सिंह , डॉ लालजी त्रिपाठी,डॉ जगदीश चंद्र दीक्षित,डॉ बी डी शर्मा, डॉ राजीव  प्रकाश सिंह, डॉ समर बहादुर सिंह,डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ अजय दुबे, डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ,डॉक्टर अजय द्विवेदी, डॉ सुनील कुमार, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र विक्रम यादव, राकेश यादव, डॉ  दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ दिनेश सिंह, डॉ संतोष कुमार, डॉ आर.एन. सिंह , डॉ ए के सिंह,डॉक्टर अवध बिहारी सिंह समस्त विद्यार्थी कर्मचारी मौजूद रहे ।


सम्मेलन स्मारिका का  हुआ प्रकाशन
प्रधानमंत्री ने भेजा  सन्देश 

जौनपुर: पीयू में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के स्मारिका का प्रकाशन हुआ। स्मारिका में देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राज्यपाल राम नाईक, उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, कुलपति प्रो डॉ राजा राम यादव के संदेश को भी प्रकाशित किया गया है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन के लिए प्रेषित अपने संदेश में  देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समय के साथ बदलती  चुनौतियों को देखते हुए विश्वविद्यालय की शिक्षण व्यवस्था में रचनात्मक बदलाव स्वभाविक है। विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है। अगले 5 सालों में 10 निजी और 10  सरकारी विश्वविद्यालयों को दस हजार करोड़ रुपए का फंड दिया जाएगा।
स्मारिका में शोध सरांशिका और कार्यक्रम विवरण प्रकाशित किया गया है। इसके संपादक मंडल में डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ राजेश शर्मा, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय  सिंह राठौर, डॉ सुधीर उपाध्याय, ,शैलेश प्रजापति ,मनीष सिन्हा  शामिल है।

उच्च शिक्षा के विविध आयामों पर हुई चर्चा 

सम्मेलन में पहले दिन उच्च शिक्षा की स्वायत्तता, उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और उच्च शिक्षा का निजीकरण विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें डालमिया कॉलेज मुंबई  प्राचार्य डॉ एन एन पांडेय,काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो आर एन  सिंह और डॉ जगदीश सिंह दीक्षित ने अपने विचार व्यक्त किये। 

कविता संग्रह का हुआ विमोचन 

सम्मेलन में कुलपति प्रो राजाराम यादव के  पिता आशु कवि दरबारी लाल यादव की रचनाओं का विमोचन राज्यपाल राम नाईक ने किया। इसके संपादक प्रो राजा राम यादव और डॉ पुनीत धवन है। 

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