Tuesday 21 February 2017

विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शोध सम्मेलन ‘अन्वेषण-2017’ आयोजित



- पूर्वी जोन के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं शोधार्थी ने किया प्रतिभाग 
- भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है आयोजन

 विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में सोमवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय विद्यार्थी शोध सम्मेलन ‘अन्वेषण-2017’ का उद्घाटन हुआ। इस शोध सम्मेलन में देश के पूर्वी जोन के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं शोधार्थी भाग लेने आये हुए हैं।
 
उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने कहा कि शोध से शिक्षा के स्तर में निरंतर सुधार आता है। शोध करने वालों में जुनून होना चाहिए। शोधार्थी आनन्द के साथ जब इस कार्य को करेंगे तब वास्तव में एक अच्छा शोध कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि एक गुणवत्तायुक्त शोध कार्य तभी हो सकता है जब शोध को हम अपने अन्दर समाहित कर पूर्ण मनोयोग से करें। उन्होंने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने शोधार्थियों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में शोध सम्मेलन आयोजित कर ज्ञान के सृजन में बड़ा योगदान दिया है। शोधार्थी को शोध पूरा करने के लिए दूसरें के कामों को अपना बनाकर नहीं प्रस्तुत करना चाहिए बल्कि स्वयं की खोज को लोगों के सामने लाना चाहिए।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय शोध की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए प्रयासरत है। विश्वविद्यालय में पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं एवं शोधार्थियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने शोध गंगा के माध्यम से शोध कार्यों को वैश्विक मंच प्रदान करने में सक्रिय भूमिका अदा की है। विश्वविद्यालय में शोध के प्रति एक अच्छा माहौल तैयार हो यह हमारी प्राथमिकता में शामिल है।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ के उप निदेशक डाॅ. अमरेन्द्र ने कहा कि हम ज्ञान के युग में हैं। मानव विकास के लिए ज्ञान का सृजन, विस्तार एवं दोहन किया जाना चाहिए। आज इस सम्मेलन के माध्यम से युवा शोधार्थियों को शोध के क्षेत्र में नई सोच के साथ लाना है और उन्हें गुणवत्तायुक्त सुविधा उपलब्ध करवाना है। यह सम्मेलन शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों में शोध के प्रति एक नई दृष्टि विकसित करने में बड़ी भूमिका अदा करेगा।
स्वागत भाषण में विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डाॅ. डीडी दूबे ने जौनपुर जनपद की शिक्षा संस्कृति पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला और देश के विभिन्न कोनों आये प्रतिभागियों को जौनपुर की ऐतिहासिकता से परिचित कराया।

सम्मेलन की संयोजक डाॅ. वन्दना राय ने सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आशुतोष सिंह ने एवं आभार कुलसचिव डाॅ. देवराज ने व्यक्त किया। इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सहायक निदेशक उषा राज नेगी, वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, टीबी सिंह, डाॅ. वेद प्रकाश उपाध्याय, डाॅ. मानस पाण्डेय, डाॅ. मनोज मिश्र, डाॅ. वीडी शर्मा, डाॅ. एके श्रीवास्तव, डाॅ. राम नारायण, डाॅ. अजय द्विवेदी, डाॅ. दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. राजकुमार सोनी, डाॅ. संतोष कुमार, डाॅ. अमरेन्द्र सिंह समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभागीगण, विद्यार्थी एवं शिक्षक मौजूद रहे।


पीयू में जुटे आठ प्रदेशों के शोधार्थी
जौनपुर। भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विद्यार्थी शोध सम्मेलन ‘अन्वेषण 2017’ में पूर्वी जोन के 8 प्रदेश के 49 शोधार्थियों ने शिरकत की है। अरूणांचल प्रदेश, असम, सिक्किम, मिजोरम, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय के स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी के शोधार्थियों ने अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, एमएमटीयू गोरखपुर, बीआईटी मेसरा, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, बिरसा विश्वविद्यालय, मालदा विश्वविद्यालय, भागलपुर विश्वविद्यालय, विनोवा भावे विश्वविद्यालय, राजीव गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय अरूणांचल प्रदेश, कालेज आॅफ वेटनरी साइंस एण्ड एनीमल हसबेन्डरी आईजाॅल, काॅलेज आॅफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एण्ड पोस्ट हारवेस्ट टेक्नोलाॅजी इंफाल, सिक्किम के विद्यार्थी भाग लिये हैं। प्रतिभागियों ने फार्मेसी संस्थान में पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया। इसमें इंजीनियरिंग के 07, विज्ञान के 21, कृषि के 08 एवं सामाजिक विज्ञान के 12, स्वास्थ विज्ञान के 01 विद्यार्थी रहे।  विद्यार्थी रहे। इसके बाद इनोवेशन सेन्टर में अपनी प्रस्तुति दी। इनमें से 15 विद्यार्थियों का प्रोजेक्ट बाह्य विशेषज्ञों द्वारा चयनित कर राष्ट्रीय सम्मेलन में भेजा जायेगा। बाह्य विशेषज्ञों में प्रो. केके शुक्ला, प्रो. विनय, प्रो. डीके श्रीवास्तव, प्रो. एन श्रीवास्तव, प्रो. गोपेश्वर नारायण, प्रो. ए के कौल, डाॅ. अखिल मिश्रा और डाॅ एस के दूबे शामिल रहे।

दो दिवसीय शोध सम्मेलन ‘अन्वेषण-2017’ का हुआ समापन
- कौशल को निरंतर विकसित करें शोधार्थीः प्रो. ओंकार

 
विश्वविद्यालय के शोध एवं नवाचार केन्द्र में मंगलवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय विद्यार्थी शोध सम्मेलन ‘अन्वेषण-2017’ का समापन हुआ। सम्मेलन में पूर्वी क्षेत्र से प्रतिभाग करने आये उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि तकनीकी के निरंतर विकास से आज पूरा विश्व हमारी हथेली पर आ गया है। इस विकास में शोध की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सृजनात्मकता और शक्ति हमें समाज में खुद को साबित करने का मौका देती है। हम कभी हारते नहीं, या तो जीतते हैं या फिर सीखते हैं। शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को निरंतर अपने क्षेत्र के कौशल को विकसित करते रहना चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन में पूर्वी भारत से आये हुए विद्यार्थियों को एक-दूसरे की संस्कृति और ज्ञान को समझने का एक बड़ा मौका मिला है। यह सम्मेलन विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के व्यक्तित्व विकास में बड़ी भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि शोध आपको उस क्षेत्र में एक विशिष्ट व्यक्ति बनाता है जिसमें आप शोध कार्य कर रहे होते हैं। विद्यार्थियों को कम स्रोतों में ज्यादा नवाचार, विचार और संकल्पना को विकसित करने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में जब हम अपना शत-प्रतिशत देते हैं तो हमें परिणाम भी वैसा ही मिलता है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ के उप निदेशक डाॅ. अमरेन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि इस सम्मेलन में अपने-अपने विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ होने के बाद ही आप प्रतिभाग करने आये हैं, यह बड़ी बात है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सहायक निदेशक डाॅ. उषा रानी नेगी ने परिणामों की घोषणा की एवं डाॅ. वन्दना राय ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।
स्वागत वित्त अधिकारी एमके सिंह एवं संचालन डाॅ. आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, कुलसचिव डाॅ. देवराज, प्रो. एके श्रीवास्तव, डाॅ. मानस पाण्डेय, डाॅ. अजय द्विवेदी, डाॅ. प्रवीण कुमार सिंह, डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर, डाॅ. दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. मनोज मिश्रा, डाॅ. रसिकेश, नुपूर तिवारी, डा. राजेश शर्मा, डाॅ. एसपी तिवारी, डाॅ. सुरजीत यादव, विनय वर्मा, पंकज सिंह समेत विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं प्रतिभागीगण मौजूद रहे।

उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत हुए 11 प्रतिभागी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे शोध सम्मेलन में बेहतरीन प्रस्तुति के लिए 11 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इनका चयन राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले शोध सम्मेलन के लिए हुआ। सम्मेलन के पहले दिन विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए 49 प्रोजेक्ट में से 35 प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी। जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन पर बाह्य विशेषज्ञों द्वारा निर्णय लिया गया। सामाजिक विज्ञान एवं वाणिज्य के प्रोजेक्ट में राजीव गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय अरूणांचल प्रदेश के तनजीन चोएफेल ने प्रथम, याब निकुम ने द्वितीय और प्रबंध अध्ययन संस्थान, बीएचयू, वाराणसी के शार्दुल मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कृषि के प्रोजेक्ट में टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय की पूजा कुमारी ने प्रथम, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय असम के निपेन नयाल ने द्वितीय एवं गौरव गोगोई और पार्थजीत डोले ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी के प्रोजेक्ट में बीआईटी मेसरा रांची के रोमित चैधरी एवं निखिल कुमार तूली ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हेल्थ साइंस के प्रोजेक्ट में टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय की स्नेहा कुमारी एवं नाशीज फात्मा ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। बेसिक साइंस के प्रोजेक्ट में बीआईटी मेसरा, रांची की दीपशिखा घोष और मनीष चन्द्र सिंह ने प्रथम, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग की नेहस रेयाज ने द्वितीय एवं खुशबू कुमारी और आफताब आलम ने तृतीत पुरस्कार प्राप्त किया। इन प्रतिभागियों को समापन सत्र में मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल के द्वारा पुरस्कृत किया। 

सांस्कृतिक संध्या ‘स्पंदन’ का हुआ आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में सांस्कृतिक संध्या ‘‘स्पंदन’’ का आयोजन सोमवार की शाम को किया गया। प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति से खूब तालियां बटोरी। जहां एक तरफ बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया वहीं विद्यार्थियों ने लोक नृत्य के द्वारा दर्शकों तक माटी की खुशबू पहुंचायी। नृत्य, गायन एवं मूक अभिनय की प्रस्तुतियां दर्शकों को भाव-विभोर करती रही। कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई। स्नेहलता ने एकल नृत्य, शिवांगी एवं सुप्रिया ने पंजाबी नृत्य प्रस्तुत कर पंजाब की झलक दी। ‘आयो रे म्हारो ढोलना...’ गीत पर सुनिधि ग्रुप ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। स्नेहलता ग्रुप ने गरबा नृत्य एवं पीहू ग्रुप ने ‘आज मैं ऊपर आसमां नीचे...’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। सतरंगी ग्रुप और सीबी गु्रप द्वारा समूह नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। वहीं वैभव बिन्दुसार ने गिटार की धुन के साथ ‘मैं हवा हूं...’ गजल प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। निष्ठा और मुक्ता के ‘नगाड़े संग ढोल बाजे...’ गीत पर प्रस्तुत नृत्य को लोगों ने खूब सराहा। मो. इमरान ने ‘हर घड़ी बदल रही है...’ गीत प्रस्तुत कर लोगों को गुनगुनाने के लिए विवश कर दिया। विश्वविद्यालय के छात्र दिव्यकांत ने ‘ओ रे पिया...’ गीत पर प्रस्तुत नृत्य से खूब वाहवाही बटोरी। बिंदास ग्रुप द्वारा मूक अभिनय की प्रस्तुति की गयी वहीं वैभव ग्रुप द्वारा फाग गीत प्रस्तुत कर लोगों को होली त्योहार की अनुभूति करा दी। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. मनोज मिश्र एवं डाॅ. रसिकेश द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

रात्रिभोज में प्रतिभागियों से रूबरू हुए कुलपति
जौनपुर। ‘अन्वेषण-2017’ में पूर्वी भारत के विभिन्न प्रांतों से आये हुए प्रतिभागियों के लिए सोमवार की रात कुलपति आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया गया। आयोजन में कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों से उनके विषय और उनकी संस्कृति के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की और उनका उत्साहवर्धन किया। कई ऐसे प्रतिभागी रहे जो पहली बार उत्तर प्रदेश आये हुए थे।

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