Wednesday 1 February 2017

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर बीसवां दीक्षान्त समारोह, 01 फरवरी, 2017



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का बीसवां दीक्षान्त समारोह 01 फरवरी, 2017 को बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल उत्तर प्रदेश एवं माननीय कुलाधिपति श्री रामनाईक ने की। इस अवसर पर उपाधिधारकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदैव प्रयासरत रहें। अपने लक्ष्य को कभी भी आंखों से ओझल न होने दें। उन्होंने कहा कि चिड़ियों का घोसला बनाने, अपने अण्डे को पालने एवं बच्चों को दाना चुगाने के बाद एक समय ऐसा भी आता है जब उनके पंखों में ताकत आती है और वे खुले आसमान में विचरण करते हैं। आप इससे सबक लें क्योंकि आज आपके पंखों में ताकत है एवं आप उड़ान के लिए तैयार हैं। आपके आकाश में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। अतः कठोर परिश्रम से ही आपको सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी शुरूआती दौर सफलताएं नहीं मिलती है तो उससे निराश न हों। ऐसे वक्त पर आत्मविश्लेषण करें। निश्चित रूप से आपको आगे जाने की शक्ति मिलेगी। 2025 में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत में होंगे। हम इस अवसर का लाभ उठायें और देश को अपना सर्वोच्च अर्पित करें।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ऐसा विश्वविद्यालय है जहां 61 फीसदी छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और स्वर्ण पदक के मामले में भी वह 63 फीसदी हैं। यह विश्वविद्यालय व प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि यहां शिक्षा के साथ-साथ खेल का स्तर भी उत्कृष्ट है। स्वास्थ्य के साथ-साथ ज्ञान के समन्वयन का भी केन्द्र यह विश्वविद्यालय है। इसी के परिणामस्वरूप लगातार पिछले तीन वर्षों से इस विश्वविद्यालय के खिलाड़ी राजभवन में सम्मानित हो रहे हैं।

उनका मानना है कि विद्यार्थी जीवन का मूल्य शपथ में निहित है। शपथ एक दीप स्तम्भ जैसा मार्गदर्शन करता है एवं लक्ष्य के प्रति सदैव सजग रखता है। आज उपाधि लेते वक्त विद्यार्थियों ने जो शपथ लिया है। अगर वह उसे याद रखेंगे तो उनके आगे का मार्ग और प्रशस्त होगा। उन्होंने अपनी कृति चरैवेति-चरैवेति का जिक्र करते हुए कहा कि सूर्य के प्रकाश की तरह सदैव चलायमान रहना चाहिए जो बैठा या सोया है उसका भाग्य भी सो जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से व्यक्तित्व विकास के 4 मंत्र दिये। उन्होंने कहा कि सदैव मुस्कुराते रहिए, दूसरों के कार्यों की सराहना की आदत डालिये, किसी की अवमानना न करें और कैसे और अच्छा हो सके उसका प्रयास करें।
अपने अभिभाषण के प्रारम्भ में श्री राज्यपाल ने कश्मीर में हुए हिमस्खलन में शहीद हुए सभी जवानों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 
समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अकादमी, नई दिल्ली एवं पूर्व निदेशक, इण्डियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन, बंगलोर पद्मश्री एवं पदम भूषण डाॅ0 बी0एन0 सुरेश ने दीक्षा ग्रहण प्राप्त सभी स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि आप अपने रूचि का भविष्य चुनें एवं इस समाज को सुन्दरतर बनाने का प्रयास करें। आज देश आपको ऐसे तमाम अवसर प्रदान करने की स्थिति में है जहां आप अपने-अपने क्षेत्र में अपने विकास की दिशा में ले जाएं। ऐसे अवसर का काफी रोमांचक होने के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण भी हैं। हर चुनौती को एक अवसर में बदलने का सुनहरा मौका आपके हाथों में जहां आप इस देश को सुन्दर ढं्रग से गढ़कर इसे विकसित देशों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर सकते हैं। चुनौतियां जीवन का आधार होती हैं। ये अवसर प्रदान करती हैं, हमें मजबूत और तेज बनाती है एवं साथ ही आगे बढ़ने का रास्ता साफ करती हैं। मेरा मन्तव्य है कि अगर हम चुनौतियों के भंवर जाल में नहीं कूदेंगे तो हमारे पास कुछ कर गुजरने का सुअवसर कहां से प्राप्त होगा। ऐसा करना हमें खुद को सशक्त बनाता है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के विचार को व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा जो मनुष्य को अपने पैरों पर खड़ा होने के योग्य न बना सके,
वह उसमें आत्मविश्वास एवं आत्म सम्मान का संचरण नहीं कर सकती, वह शिक्षा अनुपयोगी है।
विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस अंचल में अवस्थित विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की अनेक भौगोलिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक विशिष्टताएँ हैं। यहाँ के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता है। उन्हें जीवन के प्रति आधुनिक विचारों के साथ नये-नये तकनीकी, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से प्रशिक्षित करते हुए जीवन की ऊँचाईयों को छूने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। बौद्धिक विकास की यह प्रयोगशाला, वीर बहादुर सिंह पूर्वा´चल विश्वविद्यालय अपने उद्देश्य एवं कर्Ÿाव्य के प्रति कटिबद्ध रहते हुए निरंतर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रकाश स्तम्भ की भाँति मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
कार्यक्रम के पूर्व अध्यक्ष, मुख्य अतिथि एवं कुलपति द्वारा महात्मा गांधी एवं वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की शुरूआत श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश द्वारा की गयी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कुलगीत की प्रस्तुति की। स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 59 विद्यार्थियों को मा. कुलाधिपति ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर 324 पीएचडी के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के माननीय सदस्यगण,प्रोफ़ेसर डी डी दूबे ,प्रोफ़ेसर बीबी तिवारी , डाॅ. अजय प्रताप सिंह,कुलसचिव डाॅ. देवराज, वित्त अधिकारी एम.के. सिंह,डा. देवेश उपाध्याय, डा. सर्वानंद पाण्डेय, डा. दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डा. एसपी ओझा, डा. विजय तिवारी, सुरेंद्र त्रिपाठी, डा. मानस पाण्डेय, डा. अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी.बी. सिंह,  डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार सहित महाविद्यालयों के प्रबन्धक, महाविद्यालयों के प्राचार्य, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थीगण एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
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राज्यपाल ने युवाओं को मतदान के लिए किया प्रेरित
जौनपुर। श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश ने युवाओें से सक्रिय रूप से मतदान में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान बहुत आवश्यक है। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के क्रम में मतदान के लिए जागरूकता पैदा करना आवश्यक है जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ सके।

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गतिमान 2017 नये कलेवर में
जौनपुर। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रतिवर्ष प्रकाशित होने वाली पत्रिका गतिमान इस बार नये कलेवर में है। कुल 56 पेजों में सुसज्जित यह पत्रिका पूरे विश्वविद्यालय के वर्षभर की झांकी प्रस्तुत करती है। इस पत्रिका में जौनपुर के इतिहास सहित वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा है। इसके सम्पादक मण्डल में प्रो. बीबी तिवारी, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. केएस तोमर शामिल है।

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