Thursday 6 October 2016

सबका साथ तभी विश्वविद्यालय का विकास: प्रो. हरीश

नैक टीम ने कुलपति को रिपोर्ट सौंपी
तैयारी विश्वविद्यालय के स्वभाव में होनी चाहिए
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में नैक पियर टीम ने अंतिम दिन कुलपति एवं विश्वविद्यालय के
शिक्षक के साथ एक्जिस्ट मीटिंग की। कुलपति सभागार में टीम के चयरमैन प्रो. हरीश पाद ने मूल्यांकन की सील बन्द रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल को सौंपी।  रिपोर्ट को नैक से अनुमति मिलने के बाद सार्वजनिक किया जायेगा।
इस अवसर पर चेयरमैन प्रो. हरीश पाद ने कहा कि नैक टीम का उद्देश्य संस्था की कमियां दिखाकर जाना नहीं होता बल्कि उसके गुणवत्ता में सुधार के लिए मार्ग प्रशस्त करना होता है। हमने विश्वविद्यालय को जिस रूप में देखा, समझा उसका मूल्यांकन करने की कोशिश की। इस गुणवत्ता के मुद्दे को सिर्फ रिपोर्ट तक ही सीमित नहीं करना चाहिए बल्कि अपने स्वभाव में इसे सम्मिलित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक, कर्मचारी विश्वविद्यालय से भावुक तरीके से जुड़े और आत्मावलोकन करें। विश्वविद्यालय का अस्तित्व एक से नहीं बल्कि पूरे समूह से है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का विकास तभी हो सकता है जब कि वहां के सारे शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी और मेहनत के साथ मिलकर काम करें। 
पियर टीम के सदस्य प्रो. एम.एस. गुप्ता, प्रो. संतोष के. बोरा, प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. पी.एन. मिश्र, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एन.के. जैन एवं प्रो. वैद्या ने विश्वविद्यालय के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की और कहा कि उनके द्वारा जो सलाह दी गयी है वह विश्वविद्यालय के विकास में अहम भूमिका करें ऐसी कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विस्तार की बदलते परिवेश बहुत सारी संभावनाएं हैं। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने नैक टीम सदस्यों के प्रति आभार जताया और कहा कि टीम हमें जो सौंपी है उसे हम अतीत समझकर एक नये कल की शुरूआत करेंगे। कुलपति ने नैक मूल्यांकन में सहयोग के लिए सभी का आभार जताया। बैठक का संचालन नैक स्टीयरिंग टीम के अध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने किया।
इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, रजिस्ट्रार डाॅ. देवराज, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टीबी सिंह,  डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर, डाॅ. मानस पाण्डेय, डाॅ. अजय द्विवेदी, डाॅ. एके श्रीवास्तव, डाॅ. वन्दना राय, डाॅ. राजेश शर्मा, डाॅ. एसपी तिवारी, डाॅ. रजनीश भाष्कर, डाॅ. राजकुमार सोनी, डाॅ. सुरजीत यादव, डा.ॅ दिग्विजय सिंह, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. सुनील कुमार, डाॅ. केएस तोमर, रहमतउल्ला, सुबोध पाण्डेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

शिक्षक का कर्म ही उसकी पहचान है: प्रो. हरीश

नैक मूल्यांकन टीम का विश्वविद्यालय परिसर में विजिट का तीसरा दिन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के तीसरे दिन नैक की टीम ने विद्यार्थियों के छात्रावासों, छात्र स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। इसके साथ ही शिक्षकों, कर्मचारियों, पुरातन छात्रों एवं अभिभावकों से मिलकर उन समस्त बिंदुओं पर बात
की जिससे विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया जा सके। 
नैक टीम के चेयरमैन प्रो. हरीश पाद के नेतृत्व में टीम परिसर स्थित छात्राओं के छात्रावास द्रौपदी और मीराबाई का निरीक्षण किया। छात्राओं से भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। छात्रावासों में स्थापित जिम की तारीफ की और कहा कि विश्वविद्यालय छात्राओं के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रहा है। नैक टीम के चेयरमैन ने रसोई में जाकर साफ-सफाई की स्थिति को बारीकी से देखा।वहीं छात्रों के हाॅस्टल चरक और विश्वकर्मा में भी टीम ने छात्रों से बातचीत की और निरीक्षण किया। 
        फार्मेसी संस्थान के रिसर्च एवं इन्नोवेशन सेंटर में शिक्षका,ें के साथ संवाद हुआ। जिसमें नैक के चेयरमैन के साथ टीम के सदस्य प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एनके जैन, प्रो. एम.एस. दास गुप्ता, प्रो. संतोष के बोरा, प्रो. पीएन मिश्रा एवं प्रो. वैद्या ने शिक्षण, शोध एवं अन्य गतिविधियों के बारे में चर्चा की। प्रो. डीडी दुबे, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. एचसी पुरोहित, डा. अजय द्विवेदी, डा. अविनाश पार्थिडकर, डा. मानस पाण्डेय, मुराद अली आदि ने अपनी बात रखी। नैक टीम के चेयरमैन प्रो. हरीश ने शिक्षकों से कहा कि एक शिक्षक को सदैव अपने स्तर पर शिक्षण व अन्य गतिविधियों को संचालित करते रहना चाहिए। आज के समय में समस्याएं हर जगह है लेकिन शिक्षक का जो कर्म है वह जारी रहना चाहिए वही उसकी पहचान है। 
टीम के सदस्यों ने कर्मचारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि एक ऐसा सिस्टम बनायें जो सबके लिए सरल हो। शिक्षक और विद्यार्थियों की समस्याएं दूर करने में अपना योगदान दें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों व अभिभावकों से रूबरू हुए। नैक टीम के चेयरमैन ने पुरातन छात्रों से कहा कि अपने विभाग के वर्तमान छात्रों के भविष्य के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने में अपनी बड़ी भूमिका अदा करें। विश्वविद्यालय से अध्ययन लेने के बाद उसका रिश्ता उस संस्था से जीवन भर का हो जाता है इस भावना को जीवित रखें तभी जीवन सफल होगा। विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में नैक टीम के समक्ष खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को दिखाया। जिसमें मुख्य रूप से वेटलिफ्ंिटग, कुस्ती, तीरंदाजी, हैमरथ्रो, हैन्डबाल एवं योग शामिल रहा। नैक टीम के सदस्यों ने  खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उत्तम बताया और कहा कि छात्राओं ने जिस समर्पण के साथ अपना प्रदर्शन किया है वह अभिभूत कर देता है। परिसर स्थित मुक्तांगन में योग कक्षाओं के बारे में जानकारी ली और विद्यार्थियों के योग प्रदर्शन की सराहना की।
 
        दिन भर की गतिविधियों में वित्त अधिकारी एम0के सिंह, प्रो0 एच0 सी0 पुरोहित, कुलसचिव डा. देवराज, उप कुलसचिव सजीव कुमार सिंह, टी0बी0 सिंह,डाॅ0 अजय प्रताप सिंह, डाॅ0 अविनाश पाथर्डिकर,डॉ सुरजीत यादव, डॉ रजनीश भास्कर, डाॅ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ0 अवध बिहारी सिंह, डाॅ0सुनील कुमार समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

नैक मूल्यांकन टीम का विश्वविद्यालय परिसर में विजिट

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह  इंजीनियरिंग संस्थान में एम0 विश्वसरैया की मूर्ति का अनावरण एवं उनके नाम पर बने  हाल का उद्घाटन  नैक टीम के चेयरमैन  प्रो0 हरीश पध ने किया। इसके बाद नैक टीम
फार्मेसी और इंजीनियरिंग संस्थान का गहन निरीक्षण किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने टीम के सदस्यों के साथ वैठक कर सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया।  
 फार्मेसी विभाग में नैक ‘ए’ टीम के समक्ष संस्थान के निदेशक प्रो0 ए0के0 श्रीवास्तव ने विभाग के बारे मंे विस्तृत रूप से प्रकाश डाला उन्हांेने विभाग की स्थिति, एवं स्थापित प्रयोगशालाओं के बारे में बिन्दुवार प्रस्तुति दी। 
 टीम ‘बी’ को इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक प्रो0 बी0बी0तिवारी ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से विस्तारपूर्वक बताया जिसमें उन्होंने संस्थान की रूपरेखा प्रस्तुत की। नैक टीम ने प्रो0 तिवारी से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के बारे में भी पूछा। टीम इंजीनियरिंग संस्थान  के इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कम्प्यूटर साइंस ,रसायन, भौतिकी, गणित विभागांे का निरीक्षण कर शिक्षकों से बातचीत की उन्हांेने विभागों मे स्थापित प्रयोगशालाओं को भी देखा और कहा कि इन
उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल कर विद्यार्थी अन्र्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता  के लिए अपने को तैयार कर सकते है। 
कुलपति सभागार में नैक टीम चेयरमैन की अध्यक्षता में अधिष्ठाता छात्र कल्याण के कर्मचारियों  के साथ  बैठक की जिसमें संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0बी तिवारी ने छात्रवृत्ति के साथ ही साथ छात्रों से जुड़ी लाभकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। नैक टीम विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केन्द्र पहुॅची और विश्वविद्यालय द्वारा इतने अधिक कापियों का मूल्यांकन कराने और समय से परीक्षाफल घोषित करने  की तारीफ की टीम ने सलाह दी कि कापियो का डाटा क्लाउट कम्प्यूंिटंग पर आये। 
   दोनो टीम के सदस्यों ने फार्मेसी संस्थान में स्थित यू0पी0 सिंह कान्फे्रंस हाल में शोधार्थियों  एवं यूजी पीजी के विद्यर्थियों से संवाद किया उन्हांेने विद्यार्थियों से पठन-पाठन एवं उन्हे मिलने  वाली सुविधाओं के बारे मे जानकारी ली। विश्वविद्यालय के अधिकारिंयों के साथ बैठक कर विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम मुद्दो पर बात की। इसके बाद वित्त विभाग  का निरीक्षण किया। वित्त अधिकारी एम0के0 सिंह
एवं कुलसचिव डाॅ0 देवराज ने नैक टीम द्वारा मागी गई जानकारियों को उपलब्ध कराया। राष्टीय सेवा योजना और रोवर्स-रेन्जर कार्यालय पहॅुच कर उनके सामाजिक कार्यो से रूबरू हुए। दिन भर की गतिविधियों में उपकुलसचिव सजीव कुमार सिंह,टी0बी0 सिंह,डाॅ0 एम0हसीन खान,डाॅ0राघवेन्द्र पाण्डेय,प्रो0 एच0 सी0 पुरोहित,डाॅ0 अजयप्रताप सिंह,अविनाश पाथर्डिकर,डाॅ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ0अवध बिहारी सिंह, डाॅ0सुनील कुमार समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

Monday 3 October 2016

नैक मूल्यांकन टीम ने किया निरीक्षण

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के लिए गुजरात के प्रो0 हरीश पाध की अध्यक्षता में सात सदस्यीय टीम ने सोमवार को  गहन निरीक्षण का  कार्य प्रारम्भ कर दिया। टीम चार दिन तक विश्वविद्यालय परिसर में पढाई, साधन- संसाधनों के साथ सभी गतिविधियों का निरीक्षण करेगी। 
कुलपति सभागार में सुबह टीम के समक्ष सबसे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में सीबीसीएस, शिक्षकों की प्रोन्नति, सातवां वेतन आयोग की सिफरिशों को लागू करना, वरिष्ठ शिक्षकों को विश्वविद्यालय से जोड़े रखना और रूसा विश्वविद्यालय के लिए आने वाले समय में सबसे बड़ा चैलेंज है। कुलपति ने कहा कि सम्बद्ध महाविद्यालयों की समय से परीक्षा और उनका रिजल्ट घोषित करने में हमने बड़ी सफलता पाई है। शोध की गुणवत्ता के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है। कुलपति प्रो अग्रवाल के प्रस्तुतीकरण के बाद टीम के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने विश्वविद्यालय से जुड़ी अन्य जानकारियां भी ली। 
१० बजे कुलपति सभागार में टीम ने विश्वविद्यालय  के संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों से संवाद किया उन्होंने उनसे परिसर के पाठ्यक्रमों और शोध के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। प्रो डीडी दूबे, प्रो. बीबी तिवारी, डॉ. अजय द्विवेदी ने इस द्विपक्षीय संवाद में अपनी बात रखी। शोध कार्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। डॉ अजय द्विवेदी ने विश्वविद्यालय में 2014 से नए नियम के तहत प्रारम्भ हुए पीएचडी प्रोग्राम के बारे में बताया।
इसके बाद टीम संकाय भवन के आईक्यूएसी सेल में पहुँची। सेल के समन्वयक डॉ मानस पांडेय ने कांफ्रेंस हॉल में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार में  विश्वविद्यालय के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला। 
विवेकानन्द पुस्तकालय में टीम के समक्ष डॉ विद्युत् मल ने पावर पॉइंट के माध्यम से लाइब्रेरी की सुविधाओं के बारे में अपनी बात रखी.पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ मानस पांडेय ने ई बुक, ई जर्नल, ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल की उपलब्धता से भी अवगत कराया। शोध गंगा में अपलोडेड थीसिस की जानकारी भी दी गई। एक घंटे तक टीम ने लाइब्रेरी के सभी सेक्शन को बारीकी से देखा। टीम के
सदस्यों के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ ग्रुप फोटोग्राफी भी हुई। टीम ने कुलपति शिविर में कार्यसमिति के सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें दीनानाथ सिंह, रविन्द्र खरवार, दुर्गावती उपाध्याय आदि शामिल हुये।
दोपहर 02 बजे से परिसर के विभागों का नैक टीम के सदस्यों ने दो समूहों में निरीक्षण किया। पहली टीम में नैक के चेयरमैन प्रो. हरीश पाध, प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एनके जैन, सदस्यों ने विज्ञान संकाय के बायो टेक्नोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी, बॉयो केमिस्ट्री, इनवायरमेंटल साइंस का निरीक्षण किया। विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. डी.डी. दूबे ने विज्ञान संकाय की रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभागाध्यक्षों ने टीम के सदस्यों को विभाग के शिक्षण,शोध, विद्यार्थियों एवं समस्त गतिविधियों के बारे में बताया। वहीं दूसरी तरफ टीम बी में प्रो. एम.एस. दास गुप्ता, प्रो. संतोष के बोरा, प्रो. पीएन मिश्रा एवं प्रो. वैद्या शामिल रहे। जिन्होंने प्रबन्ध अध्ययन संकाय, मानव संसाधन विकास विभाग, वित्त नियंत्रण विभाग, प्रबन्ध अर्थशास्त्र विभाग, जनसंचार विभाग और व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग का निरीक्षण किया। जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री, खबरों, ब्लाॅग, विश्वविद्यालय का अधिकारिक ब्लाॅग पूरब बानी, फेसबुक पेज एवं विश्वविद्यालय के यू-ट्यूब चैनल को देखा और सुझाव भी दिये। दिनभर की गतिविधियों में वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, कुलसचिव डाॅ. देवराज, प्रो. एच.सी. पुरोहित, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी.बी. सिंह, डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर, डाॅ. मनोज मिश्र, डाॅ दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ. रजनीश, डाॅ. सुरजीत यादव, डाॅ. के.एस. तोमर, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. सुनील कुमार समेत तमाम शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। 

ये हैं नैक पियर टीम:-
1. प्रो. हरीश पाध (अध्यक्ष)
2. प्रो. एम.एस. गुप्ता
3. प्रो. संतोष के. बोरा
4. प्रो. एम. कृष्णन
5. प्रो. पी.एन. मिश्र
6. प्रो. मेवा सिंह
7. प्रो. एन.के. जैन
8. प्रो. वैद्या



Sunday 2 October 2016

विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  में 2 अक्टूबर को विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर गांधी वाटिका में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने महात्मा गांधी की मूर्ति एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। 2 अक्टूबर 1987 को  विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने 29 वर्षों की यात्रा पूरी कर ली है. 
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि महात्मा गाँधी  सबसे पहले मानव की गरीबी से जुड़े फिर देश के संस्थानों से और फिर राष्ट्र के मुद्दों से जुड़े। गाँधी जी का  मानवीय दृष्टिकोण सर्वोपरि था.गाँधी  ने देशवासियों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के लिए सतत प्रयास किया। आज उनके आदर्श ही हमें शांति दे सकते है. भारत ही नहीं विश्व में गाँधी को आत्मसात करने वाले बड़ी संख्या में हैं. शास्त्री जी को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ग़ांधी के मार्ग पर चले और पूरा जीवन सादगी में बिताया। गाँधी जी सत्य अहिंसा के प्रवर्तक थे और उनकी इस मशाल को शास्त्री जी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय दिनों दिन नए प्रतिमान स्थापित करें इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरुरत है.  विश्वविद्यालय परिवार द्वारा राम धुन का सस्वर पाठ किया गया। विश्वविद्यालय के जगदम्बा प्रसाद मिश्र,राजनारायण सिंह, रमेश पाल एवं साथियों द्वारा रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम  के गायन से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
  
इस अवसर पर  प्रो0डी0डी0 दूबे,डॉ बी बी तिवारी,  कुलसचिव डा देवराज,उप कुलसचिव संजीव सिंह, डा रजनीश भाष्कर,डॉ सुरजीत यादव, डा दिग्विजय सिंह,डा अवध विहारी सिंह,डॉ सुनील कुमार, डा के0एस0तोमर,विनोद तिवारी, राम जी सिंह,श्याम त्रिपाठी ,सुबोध पाण्डेय,अमलदार यादव,अनिल श्रीवास्तव,राजेश सिंह,राजेश जैन,पंकज सिंह सहित समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन अशोक सिंह ने किया।