Monday 19 September 2016

दो दिवसीय कार्यशाला “Communication Skills”

 विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के गणित तथा भौतिकी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार को कम्यूनिकेशन स्कील्स विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डा. देवेंद्र कुमार, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी ने 'कम्यूनिकेशन इन इंग्लिश : स्पीकिंग करेक्ट्ली एण्ड इफेक्टिविली' विषय पर व्याख्यान दिया एवं उसके विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए 'नान वर्बल कम्यनिकेशन एण्ड इफेक्टिव पब्लिक स्पीकिंग यूजिंग पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन' विषय पर व्याख्यान डॉ. अनुराग सिंह, प्रबंध अध्ययन विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने चर्चा की। डा. सिंह द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाई करने एवं अपना जीवन निर्माण हेतु योजना तैयार करने संबंधी भी ज्ञान वर्धन किया गया। प्रथम दिन दो पालियों में चार व्याख्यान दिए गए जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़—चढ़कर सहभागिता ली। समन्वयक डा. राजकुमार ने स्वागत करते हुए कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर के प्रतिभागी छात्रों/छात्राओं की संचार क्षमता में निखार लाने के लिए एक सार्थक प्रयास है। आयोजक सचिव डा. संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, डॉ. अजय द्विवेदी, सुशील कुमार, डॉ. इन्द्रेश गंगवार एवं अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।

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दूसरा दिन

इंजीनियरिंग संकाय द्वारा आयोजित Communication Skills” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला   का समापन  १८ सितंबर को हुआ | पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनिकी संकाय के गणित तथा भौतिकी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर के प्रतिभागी छात्रों/छात्राओं की संचार क्षमता में निखार लाने हेतु एक सार्थक प्रयास रहा | कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ० तनुज नंदन, सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ने “साक्षात्कार हेतु नोनवेर्बल संचार” विषय के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया| उन्होंने बताया की इंटरव्यू के समय होने वाली परेशानियों को थोड़ी कोशिशो से दुर किया जा सकता है जैसे कि अपने शारीरिक हाव भाव, बोलचाल एवं बैठने का ढंग किस प्रकार का होना चाहिए , के विभिन्न पहलुओ पर चर्चा की | उन्होंने बताया कि बहुत सारे  आंकडे एवं विशेषज्ञों के अहुभाव यह बताते हैं की उमीदवार के चयन में साक्षात्कार के पहले 90 सेकेण्ड बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं | जबकि कार्यशाला के द्वितीय व्याख्यान को संबोधित करते हुए “प्रभावकारी संचार हेतु आवश्यक पहलुओं”  विषय पर व्याख्यान डॉ० शेफाली नंदन, वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद  ने विस्तार पूर्वक चर्चा की | डॉ० शेफाली द्वारा छात्र /छात्राओं को बताया गया कि प्रभावकारी संचार में कौन से तथ्य बाधक होते हैं , किस प्रकार हम दूसरों पर अपने संचार  से प्रभाव डाल सकते हैं | वे कौन से कारक हैं जिनके द्वारा आप अपने ज्ञान को दूसरों तक प्रभावी तरीकों से पहुंचा सकते हैं | प्रभावकारी संचार के लिए उन्होंने “7C ” फोर्मुले को विस्तार पूर्वक बताया की किस प्रकार यह  प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है | सभी व्याख्यानों को  वेबसाइट पर अपलोड किया गया ताकि सामान्य जन तक इन व्याख्यानों का सीधा लाभ पहुँच सके |पढ़ाई करने एवं अपना जीवन निर्माण हेतु योजना तैयार करने संबंधी भी ज्ञान वर्धन किया | प्रथम दो दिनों में आठ  व्याख्यान दिए गए जिसमे 315 छात्र /छात्राओं ने सहभागिता की | कार्यशाला के समन्वक डॉ० राज कुमार एवं आयोजक सचिव डॉ० संतोष कुमार द्वारा इस कार्यकर्म हेतु प्रेरित करने का श्रेय पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति जी को दिया | जन संचार एवं पत्राचार विभाग का सहयोग भी सराहनीय रहा | कार्यशाला के समापन्न  पर प्रो बी बी तिवारी, डॉ० अजय द्विवेदी, डॉ० प्रदीप कुमार, डॉ० अजय द्विवेदी, डॉ वी डी शर्मा, डॉ नूपुर गोयल, डॉ सुरेन्द्र कुमार , डॉ इन्द्रेश गंगवार एवं डॉ अवध बिहारी सिंह उपस्थित थे|
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दिनांक: 15-09-2016


वित्तीय समावेशन से ही देश का विकास संभव: डा० द्विवेदी


वित्तीय अध्ययन विभाग में एक दिवसीय छात्र संगोष्ठी विषयक “फाइनेंसियल इन्क्लूसन इनिसिएटिव इन इंडिया: अ वे फॉरवर्ड ” का आयोजन किया गया । संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन के बारे में चर्चा करना और भारतीय परिदृश्य में इसकी स्तिथि की समीक्षा करना था। संगोष्ठी में 75 प्रतिभागीओं ने हिस्सा लिया  जिसमे छात्र छात्राओं द्वारा लगभग एक दर्जन शोध पत्र भी प्रस्तुत किये गए ।इससे पहले कार्यक्रम में समस्त अतिथियों का स्वागत विभाग की छात्रा व कार्यक्रम की संयोजक कुमारी अंकिता श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में विभाग के प्राध्यापक मो० अबू सलेह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ना है  जिससे न केवल सरकार अपनी वित्तीय सेवाएं लोगों को बेचकर धन अर्जित कर उसे कल्याणकारी योजनायें बना कर लोगों को अंतिम रूप से दिया जा सके।दूसरे वक्ता के रूप में विभाग के प्राध्यापक श्री सुशील कुमार ने कहा कि पहले वित्तीय सेवाएं केवल अमीर लोगो के लिए होती थी मगर वित्तीय समावेशन के कारण आज कई वित्तीय सेवाएं गरीब लोगो को भी मुहैया कराई जा रही है। आज भी  देश के केवल 50 प्रतिशत लोग ही वित्तीय सेवाओं का फायदा उठा रहे है।विभाग के प्राध्यापक श्री अलोक गुप्ता ने कहा कि पैसे से ही पैसा बनता है अर्थात यदि भारत देश को आर्थिक रूप से और मजबूत होना है तो लोगों की बचत को निवेश में बदलना होगा। जैसा कि हम जानते है कि भारत में बहुत सारे लोगो के पास बैंक खाता ही नहीं है और उनका पैसा मुद्रा बाज़ार में है ही नहीं इससे भारत को दूरगामी आर्थिक नुक्सान हो रहा है और हम वित्तीय सेवाओं में जितना विलम्ब करेंगे देश को उतना ही आर्थिक नुक्सान होगा।अध्यक्षीय संबोधन में डा० अजय द्विवेदी ने कहा कि भारत में वित्तीय समावेशन कोई नयी विचारधारा नहीं है। यह अवधारण ब्रिटिश राज के दौरान भी थी बस उस समय यह व्यवस्था मान्यता प्राप्त नहीं थी और आजादी के बाद भारत ने इस व्यवस्था को कोडीफाई कर दिया है। भारत ने अपनी नई आर्थिक निति जो 1991 में अपनाया था उसमे भी वित्तीय समावेशन को विस्तारपूर्वक चर्चा की गई थी जिसका परिणाम आज धीरे धीरे दिखने को मिल रहा है परन्तु अभी भी बहुत ज्यादा कार्य करने की संभावनाएं है। अगर देश को विश्व की महाशक्तियों में अपना नाम दर्ज कराना है तो वित्तीय समावेशन ही उसका सर्वोपयुक्त माध्यम है।संगोष्ठी में अंकिता साहू, अंकिता श्रीवास्तव, अनुराग उपाध्याय, आशुतोष जैसवाल, मनीष अग्रहरी, मो० शारिक, रीमा यादव, शहबाज़, अभिषेक तिवारी, शिखा दुबे, सुशील कुमार यादव, इत्यादि ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का सञ्चालन शिखा दुबे एवं मनीष अग्रहरी ने किया, एवं धन्यवाद ज्ञापन शहबाज़ ने किया। इस कार्यक्रम का आयोजन वित्तीय अध्ययन विभाग द्वारा एम०एफ०सी० एग्जीक्यूटिव क्लब के बैनर तले किया गया। इस मौके पर डा० राजकुमार सोनी, डा० आशुतोष कुमार सिंह, डा० इन्द्रेश कुमार, नितिन, ऋतू श्रीवास्तव, रोहित चौबे, अभिषेक मौर्या, जैसमीन बानो, रुपाली, पूजा आदि उपस्थित रहे।

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व्यवसाय प्रबंधन विभाग का एल्यूम्नाई मीट-2016 

                                                                   (१८ सितंबर )
व्यवसाय प्रबंधन विभाग का एल्यूम्नाई मीट-2016 का आयोजन रविवार को नगर के एक होटल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डा.मुराद अली ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरात छात्रों का विभाग के विकास में काफी योगदान रहा है। यह आगे भी अपना अमूल्य योगदान करेंगे।
पुरातन छात्रों के पैट्रन व न्यूट्रासर्गिटेक के मैने¨जग डायरेक्टर राजकुमार श्रीवास्तव ने कहा कि व्यवसाय प्रबंधन विभाग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व समर्पित शिक्षकों के कारण आज विभाग के छात्र राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छे पदों पर देश-विदेश में कार्यरत है। विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की गई। संचालन आयुष, स्नेहा व आभार रजत श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।(जागरण )


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   पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा ओजोन दिवस पर सेमिनार का आयोजन
                   (16 सितंबर 2016 )

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन किया जिसमे प्रो० पी के मिश्रा केमिकल इंजीनियरिंग आई टी वी एच यू एवं प्रो० वी के पाण्डेय एटमोस्फियरिक एंड ओसनिक साइंस  इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद ने ओजोन संरक्षण पर व्याख्यान दिया उन्होंने वताया कि व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर ओजोन परत को संरक्षित कर सकता है इन्ही आवश्यकताओं की पूर्ति से हार्मफुल केमिकल्स का सृजन हमारे ओजोन परत के विनाश का कारण होता है, सीमित आवश्यकताओं से हमारी बायो-डाइवर्सिटी संरक्षित रहती है अगर बायो-डाइवर्सिटी संरक्षित रहती है तो ओजोन परत संरक्षित रहेगा तथा पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है अंत में प्रो० मिश्रा ने छात्र छात्राओं के साथ परिसर के शिक्षकों को भी शपथ दिलाया कि हम अपने जीवन में कम से कम छ पौध जरूर लगाएंगे जिसमे एक पीपल, एक नीम, एक फलदार वृक्ष जरूर होंगे,

इस कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी जिसमे क्विज, पोस्टर, एक्स्टेम्पोर स्पीच रही  जिसमे विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया, क्विज प्रतियोगिता में पर्यावरण विज्ञान विभाग को प्रथम एवं तृतीय तथा वायोटेक विभाग को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम एवं तृतीय पर्यावरण विज्ञान विभाग के छात्र  एवं द्वितीय बयोकमिस्ट्री विभाग के छात्र को प्राप्त हुआ,  एक्स्टेम्पोर स्पीच के कार्यक्रम में प्रथम एवं तृतीय बयोकमिस्ट्री विभाग के छात्र रूद्र एवं उर्मिला तथा द्वितीय स्थान पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा साक्षी श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ, सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन प्रो० डीडी दूवे संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय के नेतृत्व में किया गया, कार्यक्रम के समन्वयक डॉ विवेक कुमार पाण्डेय, संयोजक डॉ कार्तिकेय शुक्ल तथा सह- संयोजक डॉ एस के उपाध्याय रहे, कार्यक्रम का सञ्चालन साक्षी श्रीवास्तव, रुची सिंह एवं अनुराधा सिंह ने किया, इस अवसर पर डॉ एस पी तिवारी, डॉ वंदना राय, डॉ राजेश शर्मा, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ ऋषि श्रीवास्तव, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ प्रभाकर, डॉ विनय वर्मा,  डॉ अवध बिहारी सिंह, एवं संकाय के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही, अंत में कार्यक्रम का समापन डॉ विवेक कुमार पाण्डेय के धन्यवाद ज्ञापन एवं पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन हुआ.

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