Saturday 25 June 2016

शोध प्राविधि एवं कम्प्यूटर अनुप्रयोग विषयक कार्यशाला


 विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान स्थित डा. राजनारायण गुप्त कांफ्रेस हाल में शिक्षा संकाय तथा सामाजिक विज्ञान संकाय के शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुये बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.. अविनाश चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि शोधकर्ता में खोजबीन की भावना का होना आवश्यक है। प्रकृति ने आपको अच्छा कार्य करने के लिये बनाया है। कुछ बेहतर करने की कोशिश सदैव करते रहना चाहिये। 
प्रो. पाण्डेय शोध प्राविधि एवं कम्प्यूटर अनुप्रयोग विषयक कार्यशाला में शनिवार को 21वीं सदी में सीखने की चुनौतियाॅ विषय पर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विषय में जो कुछ भी अनकही है, उसे तथ्यों के साथ प्रस्फुटित करना है। समय-समय पर कठिनाइयाॅ आयेंगी, लेकिन यदि सर्वश्रेष्ठ बनना है तो अपने द्वारा की गयी त्रुटियों को सुधारते हुये बेहतर प्रयास के लिये संकल्पित होना होगा। उन्होंने कहा कि शोध सत्य की खोज है। शोधकर्ता को धैर्य के साथ विषय के अन्तिम सच तक पहुॅचना होगा। 
कार्यशाला के तकनीकी सत्रो में विद्वान विषय विशेषज्ञो द्वारा शोधार्थियों को शोध पत्र लेखन पर महत्वपूर्ण एवं सारगर्भित जानकारी दी गयी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के शिक्षाशास्त्र विभाग की प्रो. गीता सिंह, दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो. डी. गंगाधर, काशी विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. रमाशंकर त्रिपाठी एवं इलाहाबाद डिग्री कालेज के डा. अतुल सिंह ने शोध प्राविधि, सांख्यिकी, डाटा एनालिसिस, डाटा प्रजेंटेशन, एस.पी.एस.एस. सहित शोध के विभिन्न आयामों एवं तरीकों पर प्रकाश डाला। 
विश्वविद्यालय के डा0 मानस पाण्डेय एवं डा. मनोज मिश्र ने शोधार्थियों को भाषा के महत्व, साहित्य की समीक्षा एवं सन्दर्भ ग्रन्थ सूची तैयार करने की विधि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। पुस्तकालय में आये हुए सभी शोधार्थियों को डा0 विद्युत कुमार मल ने रिफरेंसबुक्स तथा इडिटेड किताबो पर चर्चा करते हुये शोध गंगा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।इस अवसर पर समन्वयक डा. शिवशंकर सिंह, डा. राकेश सिंह, डा. नुपूर तिवारी, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. रूश्दा आजमी, डा. सुनील कुमार, डा. धर्मेन्द्र सिंह, अनिल श्रीवास्तव, श्याम श्रीवास्तव, आनन्द सिंह, पंकज सिंह, सहित विश्वविद्यालय के शोधार्थी एंव प्रतिभागी मौजूद रहे। संचालन संकायाध्यक्ष डा. एच.सी. पुरोहित, स्वागत आयोजन सचिव  डा. वन्दना राय द्वारा एवं आभार डा. आशुतोष सिंह द्वारा किया गया। 




 



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