Wednesday 25 May 2016

कैडेटों में समर्पण का भाव पैदा करें : कुलपति

शादी विवाह में फिजुल खर्चे हो बंद
विश्वविद्यालय में कार्यक्रम अधिकारियों का सात दिवसीय प्रशिक्षण आरम्भ
विश्वविद्यालय के संकाय भवन में बुधवार को युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समर्थित राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों के लिए सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने किया।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रो. अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना को आगे बढ़ाने में प्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयंसेवक-स्वयंसेविकाओं को आगे आना होगा। पढ़ाई के दौरान एनएसएस जैसे संगठनों से जुड़कर विद्यार्थी का अलग तरीके से विकास होता है। उसका समाज के प्रति जो नजरिया बनता है वह जीवन पर्यन्त उसके व्यक्तित्व के साथ जुड़ा रहता है। कार्यक्रम अधिकारियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि अपने महाविद्यालय के एनएसएस कैडेटों में समाज के प्रति समर्पण का भाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि आज के इस परिवेश में अनावश्यक खर्चे बंद कर शादी-विवाह में हो रहे फिजुल खर्ची पर रोक लगना चाहिए। देश के विभिन्न भागों में जल संकट से आगामी पीढ़ी को बचाने के लिए भी अपील की।
ईटीआई आगरा के ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर डा. सीएम जैन ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना वास्तव में भारत ही नहीं बल्कि विश्व में शिक्षित युवाओं का सबसे बड़ा संगठन है। जिसका राष्ट्रीय चरित्र निर्माण में विशेष योगदान है। सात दिवसीय प्रशिक्षण के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम अधिकारी को वर्तमान परिस्थितियों को समझकर छात्रों में सेवाभाव पैदा करना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डा. हसीन खान ने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि इस प्रकार की ट्रेनिंग का आयोजन करने का मौका मिला। विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनायी है। यह मुकाम कार्यक्रम अधिकारियों के समर्पण भाव के कारण मिला है। संचालन कार्यक्रम अधिकारी डा. अजय विक्रम सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. एचसी पुरोहित ने किया।
 इस अवसर पर प्रशिक्षक डा. राजीव जैन, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. केएस तोमर, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. मो शमीम, डा. हूमा परवेज, डा. अनुज पटेल, डा. मधुलिका सिंह, डा. अजय विक्रम, डा. निजामुद्दीन, डा. वेदप्रकाश चौबे, डा. अवधेश मौर्या सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे।




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