Saturday 7 May 2016

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में योग महोत्सव का हुआ आयोजन



विश्वविद्यालय  के ओपन थिएटर में शनिवार की शाम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर दो दिवसीय योग महोत्सव का आयोजन हुआ. महोत्सव में पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही साथ योग के विविध आयामों पर चर्चा हुई।

मुख्य अतिथि प्रसिद्ध योगाचार्य सुरेन्द्र योगी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। आज जनमानस योग से निरोग हो रहा है। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि जन-जन को योग से जोड़ें। योग गुरु जय सिंह गहलोत ने प्राणायाम की शक्ति विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि प्राणायाम करने वालों का शरीर अन्दर और बाहर से शुद्ध होना चाहिए। प्राणायाम बहुत सारे रोगों से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका अदा करता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. देवराज ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
विशिष्ट अतिथि श्री अचल हरिमूर्ति ने योग द्वारा नशामुक्ति विषय पर अपनी बात रखी। बाल कलाकार अक्षिता पुरोहित, पीहू पाल, अपूर्वा ने समूह नृत्य प्रस्तुत किया। वैभव बिन्दुसार ने ऐ मेरे वतन के लोगो..., शौर्य पाल ने आओ बच्चों तूम्हे दिखाये गीत प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। स्वागत गीत शास्वत मिश्र एवं सरस्वती वंदना शुभ्रामल द्वारा प्रस्तुत किया गया। संचालन संजय श्रीवास्तव एवं आभार डा. मनोज मिश्र ने व्यक्त किया।
अतिथि का स्वागत  डा. विक्रम देव द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा. एच.सी. पुरोहित, डा. अविनाश पार्थिडकर, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. शैलेष प्रजापति, डा. इन्द्रेश, अशोक सिंह, रजनीश सिंह, एम.एम. भट्ट, सुशील प्रजापति, डा. विद्युत मल्ल समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।                                                                                                                             
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 8 मई 2016 
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में योग महोत्सव का हुआ समापन 
योगमय जीवन बनाएं : सुरेन्द्र योगी 


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के ओपन थिएटर में रविवार की सुबह योग महोत्सव के दूसरे दिन  योगाचार्यों द्वारा योग प्रदर्शन एवं योगाभ्यास कराया गया. विश्वविद्याल में शनिवार की शाम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर दो दिवसीय योग महोत्सव की शुरुआत हुई थी. 

प्रसिद्ध योगाचार्य सुरेन्द्र योगी ने योगाभ्यास कार्यक्रम में प्रतिभागियों को योग के लाभों को विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने अपील की कि  अपने जीवन को योगमय बनायें। मन एवं शरीर को शुद्ध रखने से ही योग का पूर्ण लाभ  मिलता है.योग से मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. योग से हमारे मस्तिष्क  में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है। जो हमारे व्यक्तित्व को नया आयाम देता है. श्री योगी ने योग प्रदर्शन कर योगाभ्यास कराया। 

डॉ ध्रुव राज सिंह ने युवा और योग विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि आज तकनीकी के युग में युवाओं को मानसिक शांति योग से मिल  सकती है. वैश्विक स्तर पर योग के लिए  प्रशिक्षकों की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है. युवा योग प्रशिक्षक बन कर इस क्षेत्र में अपना बेहतर कैरियर भी बना सकते है. आयोजन सचिव डॉ विक्रम देव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। योग के विभिन्न आयामों पर जय सिंह गहलोत एवं कृष्ण मुरारी ने भी विचार व्यक्त किये। 

योगाभ्यास कार्यक्रम में खड़े होकर किए जाने वाले आसन ताड़ासन, वृक्षासन,पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन बैठकर किए जाने वाले आसन भद्रासन, वज्रासन/वीरासन,अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन,शशांकासन,उत्तानमंडूकासन एवं मरीच्यासन/वक्रासन उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन मकरासन भुजंगासन एवं शलभासन पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन सेतुबंधासन, उत्तानपादासन,अर्धहलासन,पवनमुक्तासन एवं शवासन का प्रदर्शन कर योगाचार्यों ने अभ्यास करवाया। 

महोत्सव में आफताब डांस ग्रुप के कलाकारों ने नृत्य की  प्रस्तुति में योग के आसनों को भी प्रदर्शित किया। युवा कलाकार वैभव बिन्दुसार एवं शौर्य पाल ने गीत प्रस्तुत किये।शुभ्रा मल्ल ने देशभक्ति गीत मेरा जीवन है तेरे हवाले की प्रस्तुति की.अंजुम श्रीवास्तव ने शांति पाठ किया। 
संचालन संजय श्रीवास्तव एवं आभार डा. दिग्विजय सिंह राठौर  ने व्यक्त किया।इस अवसर पर डा.मनोज मिश्र, शशि, डॉ नागेंद्र द्विवेदी, डॉ कमलेश यादव, डॉ सतीश सिंह,हिमांचल सिंह,  डा. इन्द्रेश,एम.एम. भट्ट, सुशील प्रजापति, डा. विद्युत मल्ल, मोहन पांडेय, रमेश पाल, अरुण शर्मा,पंकज सिंह समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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