Thursday 1 October 2015

झंकार 2015 के दूसरे दिन हुई वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग प्रतियोगिता

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार 2015 के अन्तर्गत गुरूवार को आईबीएम भवन में वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग, मेंहदी व कोलाज प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के सृजन का अवलोकन करने पहुंचे कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने उनकी कला की प्रसंशा  की और विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं सृजनषीलता को विकसित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। 
आईबीएम भवन के कांफ्रेस हाल में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में 44 प्रतिभागियों ने ‘क्या डिजिटल इण्डिया अभियान से देश  के आर्थिक विकास को बल मिलेगा’ विषय पर अपने विचार रखें। प्रतिभागियों ने डिजिटल इंडिया अभियान को देष के लिए नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाला अभियान बताया। प्रतिभागियों ने अपनी सहमति दी कि इस अभियान से देश का समग्र आर्थिक विकास होगा और आम आदमी मजबूत होगा।

सतरंगी रंगों के माध्यम से बनी रंगोलियों ने बड़े संदेष दिए। शिल्पा ने डिजिटल इंडिया, सुमन ने रेप, दीपा निगम ने भ्रूण हत्या, विषाखा ने विकलांगों को सबल बनाए, अनुराधा ने वृक्ष बचाओ, रूकैय्या ने सेव गर्ल विषय पर रंगोली बनायी। रंगोली प्रतियोगिता ने कुल 15 टीमों ने भाग लिया। फेस पेटिंग प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों ने फेस पर पेटिंग उकेरे।
शायली ने सत्यम श्रीवास्तव के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा, सूर्यप्रताप ने राजेष कुमार के चेहरे पर महिला रक्षा अभिनव ने रजत के चेहरे पर नारी दषा दिवाकर ने राहुल शर्मा के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा व सौरभ ने अनवर के चेहरे पर प्रकृति की रक्षा का संदेष बड़े ही आकर्षक ढ़ंग से दिया। वही कोलाॅज प्रतियोगिता में अपराजिता, शशिकला और दीपक व मेंहदी में 13 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल में डा. अजय प्रताप सिंह, डा. अविनाष पाथर्डीकर, डा. मनोज मिश्र, डा. एसपी तिवारी, डा. सुषील सिंह, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. अंषुमान, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. आलोक सिहं, डा. विनय वर्मा, डा. सरिता सिंह, डा. कार्तिकेय शुक्ला समेत आदि ने अपना योगदान दिया। 







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