Friday 4 September 2015

जनसंचार विभाग में इलेक्ट्रानिक मीडिया में चुनौतियां विषयक व्याख्यान का हुआ आयोजन


विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा शुक्रवार को संकाय भवन के कान्फ्रेंस हाल में इलेक्ट्रानिक मीडिया में चुनौतियां विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं आजतक न्यूज चैनल के वरिष्ठ संवाददाता एवं एंकर रामकिंकर सिंह ने कहा कि बदलते दौर में इलेक्ट्रानिक मीडिया में कार्य करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। एक खबर जहां पहचान दिलाती है वहीं एक छोटी सी गलती मीडिया के क्षेत्र से हमेशा के लिए बाहर भी कर देती है। पत्रकार की जनता के प्रति जवाबदेही होती है, खबरों के प्रेषण में उसके प्रभाव का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया में दृश्यों का महत्व है, दृश्य की समझ और बेहतर लेखन नवांकुर पत्रकारों को स्थापित करने में कारगार होती है। मीडिया के क्षेत्र में काम करने वालों की फौज बढ़ रही है। ऐसे में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए नईसोच की जरूरत है। एंकरिंग के गुरों को बताते हुए उन्होंने कहा कि एंकर में पत्रकारीय दृष्टिकोण के साथ-साथ प्रजेंश आॅफ माइंड भी होना चाहिए। एंकर के बातचीत का तरीका, दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के लिए किताब के साथ साथ अपने काम में सामाजिक अनुभवों को शामिल करना चाहिए। भारत में इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया दोनों साथ-साथ आगे बढ़ रहे है। गांव तक डीटीएच की पहुंच से एक नया दर्शक वर्ग तैयार किया है और ग्रामीण भारत की खबरें भी राष्ट्रीय चैनलों पर दिख रही है। पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है, गांव की पगडंडी से लेकर अंतराष्ट्रीय मुद्दे खबर बनते है।
विभाग के प्राध्यापक डा. अवध बिहारी सिंह ने इलेक्ट्रानिक मीडिया और नैतिकता एवं डा. सुनील कुमार ने इलेक्ट्रानिक बनाम प्रिंट मीडिया पर अपने विचार रखें। द्वितीय सत्र में आयोजित प्रश्नोत्तर काल में विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रानिक मीडिया की चुनौतियों से संबंधित कई सवाल किये। धन्यवाद ज्ञापन डा. मनोज मिश्र एवं संचालन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. रूश्दा आजमी, पंकज सिंह समेत विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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