Thursday 17 September 2015

पुस्तक प्रदर्शनी

विश्वविद्यालय के विवेकानन्द केंद्रीय पुस्तकालय में तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन गुरूवार को किया गया। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष डा. जेएल उपाध्याय, बीएचयू वाराणसी के पुस्तकालयाध्यक्ष डा. अजय कुमार श्रीवास्तव एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर पुस्तक मेले का उद्घाटन किया।

मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष डा. जेएल उपाध्याय ने कहा कि सर्वेक्षण बता रहे है कि देश के लाइब्रेरियों में पढ़ने को भीड़ कम हो रही है। ऐसे में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का यह प्रयास बहुत प्रशंसनीय है कि इस लाइब्रेरी में हर लक्ष्य वर्ग के लिए पुस्तकें मौजूद है। पुस्तक मेले में विद्यार्थियों की भारी शिरकत से उत्साहित उन्होंने कहा कि आप शिक्षित होकर इस विश्वविद्यालय से जाए और देशसेवा करें। अपने पाठ्यक्रम के अलावा भी पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करें। यह व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पुस्तकें जीवन जीने की सीख देती है। इसलिए पुस्तकों को अपना मित्र बनाइए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए बीएचयू वाराणसी के पुस्तकालयाध्यक्ष डा. अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुस्तकों में विचारों की ऊंचाई, सागर की गंभीरता एवं सरस्वती का वेग होता है। हमारी पुस्तकें मां सरस्वती की लगायी हुई रंगोली है जो कि बोलती है। बगैर पुस्तकों के विद्या एवं ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से कहा कि विद्या अध्ययन के लिए पुस्तकालयों में अवश्य जाए। आज भी लाइब्रेरी में हमारे अतीत को दर्शाती, ज्ञान विज्ञान से लबरेज ऐसे प्राचीन ग्रंथ है जो कि स्वर्ण अक्षरों में लिखे गये है एवं सुरक्षित है। इस देश की यह अनमोल धरोहर है। 


अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि इस पुस्तक मेले का आयोजन विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षक, शोधार्थी एवं समाज के लिए किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत समाहित समस्त महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षक अपने ज्ञान को अपडेट करने के लिए इस अवसर पर लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा देने एवं ग्रहण करने के लिए पुस्तकालयों में अच्छी पुस्तकों का होना बहुत जरूरी है। इस वर्ष विश्वविद्यालय ने बुकबैंक के माध्यम से उच्च कोटि की पुस्तकों को अपने विद्यार्थियों को मुहैया कराया है। विश्वविद्यालय में नवप्रवेशित शोध छात्रों के लिए छह महीने का कोर्सवर्क प्रारम्भ हो रहा है। ऐसे में हमारे पुस्तकालय का समृद्ध होना बहुत आवश्यक है। पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ ही महापुरूषों के जीवन को रेखांकित करने वाली पुस्तकों को भी पुस्तकालय में सम्मिलित किया जाएगा। 
कार्यक्रम के पूर्व विश्वविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय, संचालन डा. एचसी पुरोहित एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डीडी दूबे ने किया। 

इस अवसर पर कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय, प्रो. बीबी तिवारी, उपकुलसचिव संजय कुमार, डा. एके श्रीवास्तव, डा. विजय प्रताप तिवारी, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. अजय द्विवेदी, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. प्रदीप कुमार, डा. रजनीश भाष्कर, डा. बीडी शर्मा, डा. रामनारायण, डा. सुरजीत कुमार, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. रविप्रकाश, डा. आलोक सिंह, डा. कार्तिकेय शुक्ला, डा. एसपी तिवारी, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. शैलेश प्रजापति, डा. केएस तोमर, डा. विद्युत मल्ल, अवधेश कुमार, श्याम त्रिपाठी, राजेश जैन एवं कपिल त्यागी सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।















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