Tuesday 15 September 2015

48वां राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस समारोह


सफलता के लिए सकारात्मक सोच जरूरी: कठेरिया
विजेता प्रतिभागी हुए पुरस्कृत

विश्वविद्यालय में दो दिवसीय इंजीनियरिंग दिवस समारोह का मंगलवार को समापन हुआ। समापन अवसर पर पहले दिन आयोजित रंगोली, प्रदर्शनी, वाद-विवाद एवं कम्प्यूटर भाषा की प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।

संगोष्ठी भवन में आयोजित 48वां राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यतीश कठेरिया निदेशक दूरसंचार भारत सरकार ने कौशल विकास पर बोलते हुए कहा कि दूसरों के साथ ऐसा व्यवहार करो जैसा अपने साथ चाहते हो। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने वाले हर स्थिति में सफलता हासिल करते है। कार्य के दौरान आने वाले समस्याओं को निबटने के लिए सकारात्मक सोच हथियार का काम करती है। आज का समय तकनीकी का युग है। ऐसे में सफल इंजीनियर बनने के लिए अपने क्षेत्र की तकनीकी से पूर्ण रूप से परिचित होना चाहिए। उन्होंने भावी इंजीनियर्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब कभी नये ठौर की तलाश करें तो पुराने संस्था की बुराई नहीं करनी चाहिए।

अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में विश्वेश्वरैया, अब्दुल कलाम एवं श्रीधरन को याद किया और छात्रों के समक्ष प्रेरणास्रोत के रूप में रखा। उन्होंने रोबोट इंजीनियर्स के स्थान पर संवेदनशील मानव इंजीनियर को बनाये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मानव इंजीनियर सामाजिक संवेदनशीलता को समझेगा और सामाजिक विकास में अपना पूर्ण योगदान दे सकेगा। इसके पूर्व अतिथियों ने विश्वेश्वरैया एवं सरस्वती चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित किया। इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक प्रो. बीबी तिवारी ने विद्यार्थियों को विश्वेश्वरैया के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की।


पहले दिन आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने अपनी सृजनधर्मिता को प्रस्तुत किया। क्वीज प्रतियोगिता में अनुराग पाण्डेय, हिमांशु तिवारी, शुभम उपाध्याय एवं अखिलेश भाष्कर, डिबगिंग प्रतियोगिता में सौरभ सिंह एवं साकिब फरोज, रंगोली में पवन कुमार शुक्ला के ग्रुप को प्रथम स्थान मिला। वहीं विज्ञान प्रदर्शनी में ऋषभ नंदन पाठक, विनीत सिंह, नवीन उपाध्याय, विनोद कुमार वर्मा एवं वाद विवाद प्रतियोगिता में ऋषभ श्रीवास्तव को प्रथम स्थान मिला। इसके साथ ही द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार पाने वाले विद्यार्थी भी पुरस्कृत हुए।

समापन सत्र में कार्यक्रम का संचालन छात्रा सोनाली सिंह एवं समीर श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक रविप्रकाश ने किया। इस अवसर पर डा. एके श्रीवास्तव, डा. एचसी पुरोहित, डा. रजनीश भाष्कर, डा. संतोष कुमार, डा. राजकुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, सह समन्वयक शैलेश प्रजापति, सुधीर सिंह, दीप प्रकाश समेत इंजीनियरिंग के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी मौजूद रहे।

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