Wednesday 27 May 2015

वोकेशनल स्टडीज के कार्यक्रम की शुरुआत के लिए कार्यशाला का आयोजन


विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में बुधवार को रोजगारपरक शिक्षा को दृष्टिगत रखते हुए बैचलर ऑफ़ वोकेशनल स्टडीज के कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाजार की मांग के अनुरूप युवाओं को शिक्षित करने  एवं स्वावलम्बी बनाने के लिए विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई. 

कार्यशाला में बतौर विषय विशेषज्ञ  जयप्रभा ग्रामीण तकनीकी शोध संस्थान की निदेशक डॉ नंदिता पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय ने  स्थानीय आवश्यकताओं  के अनुरूप व्यावसायिक एवं रोजगारपरक जो पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है उससे युवाओं को स्वाभिमान के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।भारत  निर्माण बिना युवाओं के मजबूत हुए नहीं हो सकता। हमें पाठ्यक्रमों की शुरुआत ऐसे विषयों से करनी चाहिए जिसकी स्थानीय परिवेश में जरूरत हो.रोजगार सृजन में यह पाठ्यक्रम तुरंत प्रभावी हो सके. 
अध्यक्षीय उदबोधन में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा पूर्वांचल में व्याप्त बेरोजगारी को देखते हुए विश्वविद्यालय  सत्र २०१६ ऐसे  व्यावसायिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रमों  की शुरुआत करेगा जो सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री पाठ्यक्रम होंगे।इसके लिए  विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. यह पाठ्यक्रम महाविद्यालयों  में भी संचालित किये जायेंगे।

प्राचार्य डॉ लाल जी त्रिपाठी ने कहा कि युवाओं के सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार है.विश्वविद्यालय उनके रोजगार सम्बंधित समस्याओं के निदान के लिए सीधी पहल कर रहा है. जिसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। प्रो रामजी लाल ने कहा कि पहले चरण में इस पाठ्यक्रम की शुरुआत के लिए  क्षेत्र की आवश्यकताओं पर अध्ययन किया जा रहा है. डॉ मानस पाण्डेय ने भारत सरकार के राष्ट्रीय उच्चतर  शिक्षा अभियान की चर्चा की एवं शिक्षा की गुणवत्ता पर अपनी बात रखी. संचालन डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजय प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी अमर चंद, प्रो वी के सिंह, डॉ एच सी पुरोहित, डॉ वंदना राय, डॉ अवध बिहारी सिंह , डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ धर्मेन्द्र सिंह समेत अन्य मौजूद रहे. 



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