Saturday 28 February 2015

विज्ञान दिवस समारोह सम्पन्न, पुरस्कृत हुए विद्यार्थी



प्रो. जीएन पाण्डेय
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विज्ञान दिवस समारोह के दूसरे दिन शनिवार को अरूणांचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डा. जीएन पाण्डेय एवं प्रख्यात विज्ञान लेखक डा. अरविंद मिश्र का विशेष व्याख्यान हुआ। इसके साथ ही बेहतरीन वैज्ञानिक माॅडल प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।



डा. अरविंद मिश्रा
संगोष्ठी भवन में अरूणांचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डा. जीएन पाण्डेय ने कहा कि विज्ञान एक ऐसा क्षेत्र हैं जो आज रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, परिवहन, भूगर्भ सहित विविध क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। विज्ञान नेे जन्म से लेकर पूरे जीवन का खाका खीच दिया है। जीनोम एनालिसिस के जरिये पूरे जीवन काल की बीमारियों को दो माह की उम्र से ही जाना जा सकता है। विज्ञान दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को सर सीवी रमन का परिचय कराते हुए उनसे प्रेरणा लेने की बात की। उन्हांेने कहा कि विज्ञान ने ज्ञान को इण्टरनेट के माध्यम से हर घर के दरवाजे पर खड़ा कर दिया है। शिक्षा के माध्यम से अपने ज्ञान-कौशल को विकसित कर हम एक स्थान पर ही रहकर ही सम्मान एवं धनोपार्जन दोनों कर सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने अनुभवों से साझा करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह इण्टरनेट के जरिए हम रोजगार प्राप्त कर आय के स्रोत बढ़ा सकते हैं। आज विज्ञान ने जीवन यापन की सम्भावना, पेयजल की समस्या, भविष्यगत आपदा के बारे मेें पूर्व सूचना की तकनीकी भी विकसित करली है। प्रख्यात विज्ञान लेखक डा. अरविंद मिश्र ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक नजरिये पर बल दिया था। दैनिक जीवन मे होने वाली समस्याओं का निजात वैज्ञानिक नजरिये से पाया जा सकता है। भारतीय समाज में बहुत से अंधविश्वास है जिनके कारण हम पिछड़ते जा रहे हैं। अगर हमें विकास करना है तो जीवन के हर क्षण में वैज्ञानिक सोच अपनाना होगा।


उन्हांेने कहा कि भारत में कई ज्ञान विज्ञान के संचारक रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने पूरे भारत का भ्रमण कर चारों पीठों की स्थापना की थी। विद्वानों से शास्त्रार्थ किया और कहा कि जो दृश्यमान है वहीं प्रमाण है। इसी वैज्ञानिक नजरिये से परिवर्तन सम्भव है। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. बीबी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रो. वीके सिंह ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। संचालन डा. संतोष कुमार, काशिका उपाध्याय एवं वलेंद्र वीर सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव एवं डा. रवि प्रकाश द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में बेहतरीन वैज्ञानिक माॅडल बनाने वाले विद्यार्थियो की टीम को पुरस्कृत किया गया। बीटेक छात्र पीयूष एवं उत्कर्ष द्वारा बनाये गये माॅडल इलेक्ट्रानिक एवरीवन को प्रथम, दानिश एवं प्रशान्त के हाइड्रोलिक क्रेन माॅडल को द्वितीय स्थान एवं अंकिता ग्रुप द्वारा निर्मित साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट माॅडल को तृतीय पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त पांच अन्य टीमों को सान्त्वना पुरस्कार दिया गया। महात्मा गांधी समग्र पर सम्पन्न हुई निबंध प्रतियोगिता में विभिन्न संकायों में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थी प्रीती, सतीश, अब्दुल अहद आजमी, राजबीर एवं रागिनी को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर संदीप सिंह, रजनीश भाष्कर, डा. संजीव गंगवार, डा. सौरभ पाल, राजकुमार सोनी, डा. वीडी शर्मा, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनोज मिश्रा, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. रूश्दा आजमी, श्याम त्रिपाठी समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। 



पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान दिवस समारोह में देवकली गांव में कोचिंग पढ़ने वाले बच्चों और उनके शिक्षकों ने शिरकत की। इन बच्चों को इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी संस्थान के राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेटों द्वारा कोचिंग दी जाती है। विश्वविद्यालय परिसर में पहले दिन इन बच्चों ने वैज्ञानिक माॅडलों को देखा और मन में उठने वाले सवालों को भी पूछा। दूसरे दिन संगोष्ठी भवन में आयोजित कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विद्यार्थी इन छात्रों को अपने बीच पाकर काफी खुश दिखे।

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