Friday 27 February 2015

विज्ञान दिवस समारोह

इंजीनियरिंग संस्थान में वैज्ञानिक माॅडलों की प्रदर्शनी
विद्यार्थियों में सृजनात्मकता की जरूरत: डा. नाग


डा. पृथ्वीश नाग
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का उद्घाटन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति डा. पृथ्वीश नाग ने किया। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि हमारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आज मानव जीवन में हर रूप में शामिल है। अंतरिक्ष तकनीकी ने आज हमें भूतल एवं पर्यावरण, प्राकृतिक आपदाओं, कृषि तकनीकी, सीमा सुरक्षा, सैन्य रणनीति और ग्लोबल पोजिसिंनिग सिस्टम (जीपीएस) तकनीकी को बहुत बड़ा विस्तार दिया है। इस तकनीकी की मदद लेकर आज हम भविष्यगत योजनाओं को बना रहे है। अंतरिक्ष तकनीकी ने शोध के विभिन्न क्षेत्रों में नये आयामों को जन्म दिया है। भारत में बढ़ रहे जनसंख्या घनत्व को मद्देनजर रखते हुए हमारी अंतरिक्ष तकनीकी के बहुत सारे उपयोग अभी भविष्य में होने वाले है। 
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को संदर्भित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में रटकर कुछ नहीं मिलने वाला बल्कि सृजनात्मकता की जरूरत है। इसी सृजनात्मकता से जीवन में बहुत कुछ किया जा सकता है। 
अध्यक्षता करते हुए प्रो. डीडी दूबे ने कहा कि विज्ञान आज मानव कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में तकनीकी का जो विस्तार हुआ है उसका श्रेय वैज्ञानिक सीवी रमन को जाता है। सीमित संसाधनों के बावजूद उनके द्वारा की गयी खोज शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बीबी तिवारी ने अपने स्वागत भाषण में नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक सीवी रमन के रमन प्रभाव पर चर्चा की और कहा कि रमन इफेक्ट का उपयोग इंटरनेट के साधनों में भी होता है। जिसकी स्वयं कभी रमन ने भी कल्पना नहीं की होगी कि उनका यह अविष्कार इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी में कितनी व्यापकता प्राप्त करेगा। डा. प्रदीप कुमार एवं डा. संतोष कुमार ने वक्ताओं का विस्तार से परिचय प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने किया। संचालन इंजीनियरिंग संस्थान की बीटेक छात्रा अनामिका सिंह और कासिमा उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया।
उद्घाटन समारोह के पश्चात इंजीनियरिंग संस्थान में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक माॅडलों की प्रदर्शनी लगायी। इन माॅडलों के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी सृजन क्षमता को प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट, विंड इलेक्ट्रानिक हाउस, सोशल साइट चैट आॅन पूर्वांचल, इलेक्ट्रानिक हाउस, डेवलपमेंट आॅफ साइंस, मोबाइल इनकमिंग काॅल इंडिकेटर, बंद कमरे में अंगीठी से होने वाली मौत, मिसाइल सहित कुल 57 माॅडल विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित किये गये। माॅडल प्रदर्शनी का संयोजन इंजीनियरिंग संस्थान के विद्यार्थी पीयूष, साकिया, स्वाति, वैभव, गौरव, शीलनिधि ने किया।
समारोह की विभिन्न गतिविधियों में प्रो. वीके सिंह, प्रो. रामजी लाल, संदीप सिंह, रजनीश भाष्कर, रवि प्रकाश, डा. संजीव गंगवार, डा. सौरभ पाल, राजकुमार सोनी, डा. वंदना राय, डा. मनोज मिश्रा, डा. राजेश शर्मा, डा. एसपी तिवारी, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. रूश्दा आजमी समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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