Wednesday 11 June 2014

Electronic Banking Awareness Training Programme (e-BAAT)

         -पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
  - आरबीआई एवं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन



 जौनपुर।यूनियन बैंक ऑफ़  इंडिया के मुख्य प्रबंध निदेशक अरुण तिवारी ने कहा कि हमारा बैंक शहरी ग्राहकों के अतिरिक्त ग्रामीण ग्राहकों को अपने से जोड़ने के लिए ऑनलाइन बैंकिंग सेवा की शुरुआत करने जा रही है इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों से बैंक का सरोकार रखना है.रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया का भी यही दिशा निर्देश है
उनका मानना है कि आज कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने में या गॉव  में नौकरी या व्यवसाय के लिए जाता है तो उसे कभी भी आर्थिक समस्या से जूझना पड़ सकता है ऐसे में ऑनलाइन बैंकिंग सेवा उनके लिए मददगार साबित होगी। श्री तिवारी मंगलवार को आरबीआई एवं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के संयुक्त तत्वावधान  में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में आयोजित इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग जागरूकता प्रशिंक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.



उन्होंने कहा कि आज गाव में हर सौ व्यक्ति पर ९० के पास मोबाइल है इसी को ध्यान में रखते हुए इस सेवा का शुभारम्भ किया गया है. आज हम घर बैठे मोबाइल के माध्यम से प्रतिदिन ५० हजार का लेन देन कर सकते है.
विशिष्ट अतिथि एमडी  एनपीसीआई पी होता ने ऑनलाइन बैंकिंग के विभिन्न आयामों पर विस्तृत रूप से चर्चा की उन्होंने ग्राहकों से अपील की कि आधुनिक मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग कर जोखिम से बचे. भारतीय रिज़र्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक सुप्रिया पटनायक ने ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में बताते हुए कहा कि आरबी आई का सपना है कि २०१६ तक देश की तक़रीबन सवा अरब लोग इलेक्ट्रॉनिक बैंक सिस्टम से जुड़े और उसका लाभ उठा सके.
नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक के के गुप्ता ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में यूबीआई के सहयोग से बनी काशी ग्रामीण गोमती संयुत  बैंक ने भी बैंकिंग सेवा शुरू कर दी है.

अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्षो जो विश्व में मंदी आई थी उससे भारत कम  प्रभावित हुआ इसका कारण मजबूत बैंकिंग व्यवस्था का होना था.उन्होंने कहा कि विश्व के विकसित देश टाइगर इकोनॉमी के चलते धराशाई हो गए मगर अपने देश में एलीफैंट इकोनॉमी थी जिसके कारण हमारे देश पर काम असर पड़ा. ऐसे समय में विदेशों के बैंकों से जहाँ रूपए  की निकासी अधिक होती थी वही भारत में लोग फिक्स डिपाजिट करने पर जोर दे रहे थे इसका कारण राष्ट्रीकृत बैंकों की सेवा के प्रति देश के लोगों का भरोसा और बैंक की विश्वसनीयता काम रही थी.
यूनियन बैंक ऑफ़  इंडिया वाराणसी के महाप्रबंधक एस के बेहरा ने स्वागत एवं धन्यवाद डॉ एच सी पुरोहित ने किया। कार्यक्रम का सञ्चालन सुनील त्यागी ने किया। इस अवसर पर किसान एवं समाज सेवियों को सम्मानित भी किया गया. इस अवसर पर मुख्य रूप से  दिनेश टंडन, डॉ परमेन्द्र सिंह, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ वदंना राय,डॉ अविनाश, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ के एस तोमर समेत तमाम बैंक के अधिकारी, ग्राहक आदि मौजूद रहे.





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