जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय
के पूर्व कुलपति प्रोफेसर यूपी सिंह ने कहा कि शिक्षक देश के गौरव हैं। ज्ञान और
विज्ञान की साधना में शिक्षक का व्यक्तित्व निखर कर सामने आता है। ऐसे में हमारा
फर्ज बनता है कि हम देश के गौरवशाली अतीत का सम्मान करें।प्रो. सिंह
विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह के अन्तर्गत बुधवार को शिक्षक सम्मान दिवस के
अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक को परोपकार की भावना
से काम करना चाहिए तभी इस पेशे की गुणवत्ता बरकरार रह सकती है। उन्होंने कहा कि आज
इस बात पर चिंतन करने की जरूरत है कि जो गरीब शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाता उसके घर तक
शिक्षा कैसे पहुंचाई जाए। उनका मानना है कि मूल्य और आदर्शों के आधार पर शिक्षक का
मूल्यांकन होना चाहिए।
उन्होंने भारत के शिक्षा एवं ज्ञान के क्षेत्र में
योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने शून्य एवं दशमलव की खोज की है जिसके
चलते अन्य शोध सम्भव हो सके हैं। इस बात का लोहा पूरा विश्व मानता है। उन्होंने
विश्वविद्यालय के विकास के लिए कुलपति को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर समारोह
की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुन्दरलाल ने कहा कि शिक्षक का
चरित्र अनुकरणीय होना चाहिए। इसका असर विद्यार्थियों पर पड़ता है। उन्होंने डॉ.
राधाकृष्णन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्टालिन के साथ
डॉ. राधाकृष्णन की वार्ता से प्रभावित होकर भारत और सोवियत रूस के संबंधों की नींव
पड़ी। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस ने शिक्षकों के प्रति जागरूकता पैदा की है। इसके
सम्मान को बनाए रखने की जरूरत है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उन्होंने उनसे
जुड़े कई संस्मरण सुनाए। कार्यक्रम के संयोजक प्रो.
रामजी लाल ने रजत जयंती वर्ष में
होने वाले आयोजनों एवं विश्वविद्यालय की विकास यात्रा को रेखांकित किया ।
समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ हुआ।
अतिथियों का स्वागत प्रो. डी़डी़ दूबे ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालयों के
अवकाशप्राप्त शिक्षकों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि और कुलपति ने उमानाथ सिंह, वीर बहादुर सिंह और महात्मा
गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में
पौधरोपण किया गया। शिक्षक अतिथि गृह में मुख्य अतिथि ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन की
प्रतिमा का अनावरण किया। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।
समारोह का संचालन डॉ. एचसी पुरोहित और धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ.
देवराज ने किया। इस अवसर पर प्रो. वीके सिंह, प्रो. एमपी सिंह, डॉ. अजय प्रताप
सिंह, डॉ. लाल साहब सिंह, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. मानस पाण्डेय, डॉ. संजय सिन्हा,
डॉ. आशुतोष कुमार सिंह, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. रामनारायण, डॉ.
अविनाश पाथेर्डिकर, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. अवधबिहारी सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर,
डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक, वित्त अधिकारी, समस्त
प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र/छात्राएं मौजूद थे।
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