Monday 30 July 2012

आज की युवा पीढी को बापू के आदर्शों की जरूरत :प्रो सुंदर लाल

    राम करन महाविद्यालय इशोपुर गाजीपुर में आयोजित हुआ बापू बाजार  


आज की युवा पीढी को बापू के आदर्शों की जरूरत हैं.इस बापू बाजार में बापू का सन्देश छुपा हुआ हैं.आज हमने बापू के विचारों को अपने से दूर कर लिया हैं जिसके कारण समाज में तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं.कब, कहा, कौन सी हिंसक घटना हो जाये कोई नही जानता.आज यह बाजार गरीबों की सेवा के साथ साथ बापू की सोच से परिचित करता हैं.


यह बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुंदर लाल ने २९ जुलाई  को राम करन महाविद्यालय इशोपुर गाजीपुर में आयोजित ११ वें बापू बाजार में कहीं.उन्होंने कहा कि आज हम पर्यावरण से बहुत खिलवाड़ कर रहे हैं जो कि आने वाले समय के लिए ठीक नहीं हैं. गाँधी ने एक छोटा सा प्रयोग किया था कि किसी वास्तु का तब तक प्रयोग करे जब तक करना चाहिए.बापू बाजार में यह सोच निहित हैं. उन्होंने कहा कि बापू बाजार के माध्यम से बच्चों में को कोमल भावनाएं जागृत हुई हैं वो आगे चल कर और भी बलवती होगी ऐसी मेरी कामना हैं.

राष्ट्रीय सेवा योजना के सहायक कार्यक्रम सलाहकार भारत सरकार डॉ एच के शर्मा ने कहा कि यह बाजार लाभ - हानि के सिद्धांतों पर आधारित नहीं हैं .इस नेक पहल में एन एस एस का सहयोग विश्वविद्यालय ने लिया हैं यह सुखद हैं. राज्य संपर्क अधिकारी डॉ सतेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि बापू बाजार से  राष्ट्रीय सेवा योजना को एक नई पहचान मिली हैं.प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालाओं के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रेरणा का श्रोत बन गया हैं. 


शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस   बापू बाजार के माध्यम से लोगों का गरीबों के प्रति सम्मान का भाव पैदा हुआ हैं जो पाठ्यक्रम के माध्यम से नही हो सकता.छात्रों के मन में पैदा हुए ये भाव एक नई दिशा देंगे.
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्यवयक डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह राष्ट्रीय सेवा योजना के क्रिया कलापों के साथ साथ बापू बाजार के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला.महाविद्यालय के प्रबंधक विधान परिषद सदस्य विजय यादव के कहा कि आज इस बापू बाजार को लगा कर मेरा महाविद्यालय धन्य हो गया.यहाँ से जो बापू का सन्देश प्रवाहित  हुआ हैं उसके दूरगामी परिणाम होंगे .
बापू बाजार में ३ दर्जन से अधिक महाविद्यलों के स्वयं सेवक- सेविकाओं ने भाग २-१० रुपए के प्रतीकात्मक मूल्य पर कपडें अन्य वस्तुओं को बेचा.बच्चे मुफ्त में खिलौना एवं किताबें पा कर काफी खुश दिखे .डॉ ममता तिवारी के लक्ष्य गायन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ .कार्यक्रम का संचालन डॉ एम हसीन खान ने किया.इस अवसर पर डॉ के डी सिंह,डॉ शशि कुमार मिश्र,डॉ पूनम मिश्र ,डॉ वेद  प्रकाश चौबे ,डॉ ब्रजेश यदुवंशी,हरिनारायण यादव, डॉ प्रताप रावत,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर  समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

राष्ट्रीय सेवा योजना की स्मारिका का हुआ विमोचन 

राम करन महाविद्यालय इशोपुर गाजीपुर में आयोजित ११ वें बापू बाजार में राष्ट्रीय सेवा योजना की स्मारिका का विमोचन हुआ.स्मारिका में विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रमुख गतिविधियों को दर्शाया गया हैं.इसके साथ ही कुलपति  प्रो सुंदर लाल , डॉ के एस तोमर, डॉ एम हसीन, डॉ धरम सिंह,डॉ अवधेश मिश्र  आदि के लेख भी हैं. पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह ,सहायक संपादक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर संपादक मंडल में डॉ अवध बिहारी सिंह ,डॉ ब्रजेश यदुवंशी एवं डॉ अंसार खान हैं .




Friday 20 July 2012

शिक्षकों को समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए ...


 शिक्षक समाज का आदर्श होता है।शिक्षकों को समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए। उसके आचरण, व्यवहार, मूल्य की छात्र ही नहीं बल्कि समाज का हर व्यक्ति नकल करता है।  विवि के सत्रारंभ  होने पर संकाय भवन में आयोजित पहली बैठक में परिसर शिक्षकों को संबोधित करते हुए    कुलपति प्रो.सुंदरलाल ने कहा कि  शिक्षकों से समाज को काफी उम्मीदें रहती है। लिहाजा सभी विभागों के शिक्षक सामूहिक प्रयास कर ऐसा उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण सृजित करें कि इससे प्रभावित होकर देश के कोने-कोने से छात्र यहां उच्च शिक्षा ग्रहण करने आएं। कुलपति जी  ने आश्वासन दिया कि परिसर में प्रयोगशाला, शोध या शिक्षण संबंधित जो भी बुनियादी सुविधाएं हैं, उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि शिक्षक स्वयं अनुशासित होकर छात्रों की उपस्थिति पंजिका पर प्रतिदिन के व्याख्यान का ब्यौरा सुनिश्चित कराएं। 
उन्होंने कहा कि अनुशासन किसी किताब से नहीं पढ़ा जाता, इसे तो एक शिक्षक को खुद के अंदर विकसित करना होगा।छात्र भी अपनेशिक्षक से काफी उम्मीद करता है। शिक्षक का नैतिक कर्तव्य हैकि वह छात्र का सही दिशा निर्देशन करके उसे योग्य बनाए। छात्र कीयोग्यता से ही शिक्षक की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि हमसभी की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिएसभी शिक्षकों को अपने सुझाव रखने का हक है। उस पर अमलकिया जाएगा। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में अनुदान के लिएप्रस्ताव भेज दिया गया है। परिसर में आदर्श शैक्षिक वातावरण की नींव पड़े यही हमारी प्राथमिकता होगी। अनुशासन को पढ़ने की नहीं बल्कि सीखने की जरूरत होती है। इसे शिक्षक के साथ हर छात्र को अपने भीतर विकसित करना होगा।





Thursday 5 July 2012

रजत जयंती वर्ष में सम्मानित होंगे लोक कलाकार


जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल  विश्वविद्यालय के रजत जयंती वर्ष में पूर्वांचल के लोक कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। किसी भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य उस क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं सामाजिक धरोहर को संरंक्षित, पुष्पित व पल्लवित करना होता है, इसी उद्देश्य के मद्देनजर विश्व्विद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सुंदर लाल ने बारहवी पंचवर्षीय योजना के तहत लोक कला व साहित्य के संरक्षण हेतु विश्वविद्यालय में केन्द्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव प्रेषित किया है. उक्त केन्द्र का उद्देश्य पूर्वांचल की लोक कला को संरक्षित करना व उस दिशा मे शोध को प्रोत्साहित करना है, इसी कडी मे विश्वविद्याल्लय के रजत जयंती वर्ष मे क्षेत्रीय कलाकारों जिसमे लोक कलाकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया जाएगा.
कुलपति जी नें  विश्वविद्यालय स्तर पर थिएटर एसोसिएशन का गठन किया है  जिसके माध्यम से रंगकर्मियों को उनकी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया जाएगा और विश्वविद्यालय के छात्रों को भी रंगमंच से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा. कुलपति जी ने विगत दिनों चौताल सम्राट श्री वंशराज सिंह को उनकी अस्वस्थता के कारण उनके निवास स्थान पहुंचकर उनको सम्मानित किया था साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में कम्य़ूनिटी रेडियो सेंटर की स्थापना हो जाने के उपरांत क्षेत्रीय एवं लोक कलाकारों को मंच प्रदान करेगा. कम्य़ूनिटी रेडियो केंद्र की स्थापना हेतु प्रस्ताव सूचना एवं प्रसारण प्रेषित किया जा चुका है और शीघ्र ही उक्त केन्द्र के परिसर मे स्थापित होने की संभावना है. विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत उन छात्र-छात्राओं को भी प्रोत्साहित किया जाएगा जो लोक कला के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.