Monday 19 September 2011

इण्डोर स्टेडियम:सर्वांगीण शिक्षा के क्षेत्र में एक और पहल


 पूर्वांचल विश्वविद्यालय इंडोर स्टेडियम का शिलान्यास करते विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुंदर लाल जी,शिक्षा मंत्री डा. राकेशधर त्रिपाठी और रेशम वस्त्रोद्योग मंत्री जगदीश नारायण राय।

आज सर्वांगीण शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय नें एक और पहल कर ,अपनें  विद्यार्थियों के लिए बेहतर सुविधा से सुसज्जित इण्डोर स्टेडियम की आधारशिला रख दी.
उच्च शिक्षा मंत्री डा0 राकेशधर त्रिपाठी नें   पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 5.77 करोड़ रू0 से बनने वाला इण्डोर स्टेडियम का आज शिलान्यास किया। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम होगी। बैडमिन्टन  ,कुश्ती, जिम्नास्टिक,जूडो  -कराटे आदि खेलों के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लम्बे अरसे से इण्डोर स्टेडियम की जरूरत महसूस कर रहा था .स्टेडियम के निर्माण पर आने वाली लागत का 35 प्रतिशत हिस्सा शासन दे रहा है जबकि 65 प्रतिशत खर्च विश्वविद्यालय स्वयं करेगा ।  परियोजना प्रबन्धक उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम द्वारा बताया गया  कि एक वर्ष के अन्दर इस इण्डोर स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा।
                                                                       



कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के   कुलपति प्रो0 सुन्दरलाल ने विश्वविद्यालय के प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय खेल-कूद की उन्नति के लिए सदैव तत्पर है ,इसी का परिणाम रहा है कि आज इस विश्वविद्यालय के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं . 

 उच्च शिक्षा मंत्री डॉ राकेश धर त्रिपाठी नें  अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा का समुचित विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। संगोष्ठी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाई उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को इस वर्ष खेलकूद आयोजन के लिए नोडल विश्वविद्यालय नामित किया गया है।यह हमारा संकल्प है कि नये भवन, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व खेलकूद में किसी प्रकार से  धन की कमी नहीं आने पायेगी। उच्च शिक्षा मंत्री  ने कार्यक्रम के दौरान ही विश्वविद्यालय के  संगोष्ठी भवन को  वातानुकूलित बनाने, विद्युत उपकरणों की मरम्मत आदि के लिए दस लाख रुपये देने की घोषणा की .
 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेशम व वस्त्रोद्योग एवं व्यावसायिक शिक्षा मंत्री उ0प्र0 जगदीश नारायण राय ने मा0 उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा स्टेडियम के लिए धन अवमुक्त करने के लिए बधाई दी तथा उम्मीद जताई की शासन  की ओर  से उच्च  शिक्षा के विकास के लिए इस विश्वविद्यालय को आवश्यकता पड़नें  पर  और भी धन उपलब्ध कराया जाएगा.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ बी.एल .आर्य द्वारा  आये हुए समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया   गया. कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार सिंह ने किया। 
इस  अवसर पर विशेष शिक्षा सचिव ए0के0सिंह, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक वाराणसी आलोक चन्द पाण्डेय, उच्च शिक्षा सलाहकार चन्द्र विजय चतुर्वेदी, उच्च शिक्षा निदेशक रामानन्द प्रसाद, 
परीक्षा नियंत्रक आरएस यादव, वित्त अधिकारी अतुल कुमार श्रीवास्तव, टीडी कालेज के प्राचार्य डॉ यूपी सिंह, मड़ियाहूं कालेज के प्राचार्य डा. लालजी त्रिपाठी, राज कालेज के प्राचार्य डॉ एसपी ओझा,  खेलकूद परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र नाथ सिंह, सचिव देवेंद्र कुमार यादव,    एनएसएस समन्वयक डा. हितेंद्र प्रताप सिंह, कुलपति के निजी सचिव डा. केएस तोमर सहित भारी संख्या में शिक्षक और छात्र  उपस्थित रहे।                           











Monday 5 September 2011

शिक्षक अपनें तप बल से विद्यार्थियों को प्रेरणा दें ....

विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में  शिक्षक दिवस  समारोह के  मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों और शिक्षकों को   संबोधित   करते हुए आदरणीय कुलपति जी नें कहा कि आज समय की पुकार है कि शिक्षक अपनें तप बल  से विद्यार्थियों  को प्रेरणा  दें,ताकि विद्यार्थी उनका अनुसरण कर अपनी मंजिल पा सकें .गुरु -शिष्य परम्परा कलंकित न हो इसके लिए गुरुजनों को सक्रिय होना होगा .उन्होंने कहा  कि  जहाँ एक ओर विद्यार्थी    ज्ञान प्राप्ति के लिए संकुचित दृष्टिकोण अपना रहे हैं वहीं गुरुजन भी विद्यार्थियों के साथ उस तरह नहीं जुड़ पा  रहे  जैसे वे पहले जुड़ते थे.शिक्षक का  मतलब केवल किताबी ज्ञान देना भर नहीं है अपितु  उसे विद्यार्थियों  के चतुर्मुखी विकास के लिए सोचना होगा.उन्हें  अपनें ज्ञान का स्तर इतना बढ़ाना होगा ताकि उसके पांडित्य का प्रभाव विद्यार्थियों पर निश्चित रूप से पड़ सके क्योंकि आज का विद्यार्थी भी अब सजग और जागरूक है..उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी अपना ज्ञानचक्षु खुला  और भावनाओं को जिन्दा रखना होगा. आज इस पुनीत दिन हम सबको एक-दूसरे की बेहतरी और सम्मान के लिए संकल्पित होना होगा.
इस समारोह के साथ माननीय कुलपति जी द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना की चार इकाइयों का भी शुभारम्भ किया गया. इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो.बी.बी.तिवारी नें कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है,इस पावन दिवस पर परिसर में चार इकाइयों का गठन  अभूतपूर्व है.यह सब माननीय कुलपति जी की प्रेरणा से ही संभव हो सका है.अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.राम जी लाल नें कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के इस इकाई के गठन  का एकमात्र उद्देश्य जन सेवा है.उन्होंने कहा कि समाज सेवा से ही देश सेवा होती है .उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे विद्यार्थी विश्वविद्यालय, जनपद और देश में जन सेवा का एक आदर्श प्रस्तुत करेंगे.विश्वविद्यालय के इतिहास में यह एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह नें विस्तार से इसके उद्देश्यों और आदर्शों की चर्चा की.उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए सेवा भाव रखना ही राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य रहा है. इंजीनियरिंग संकाय के डॉ संतोष कुमार ,डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह ,श्री भूपेंद्र पाल और फार्मेसी संस्थान के श्री विनय कुमार को परिसर स्थित चारों इकाइयों  का स्थानीय   समन्वयक बनाया गया है.  पूर्व में सर्व पल्ली डॉ राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण और गुरुवन्दना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई. आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा और संचालन डॉ संतोष कुमार द्वारा किया गया.

इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव,डॉ मनोज मिश्र,श्री रजनीश भाष्कर,श्री रविप्रकाश,श्री गंगवार ,श्री एच .एन. यादव  सहित विश्वविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद  रहे.

Saturday 3 September 2011

स्व. डॉ क्षेम जी के प्रति

imageकल  दो सितम्बर को यशश्वी कवि और लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार स्व.डॉ श्रीपाल सिंह क्षेम के जन्मदिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय नें अपनें कुलगीत के इस महान   रचनाकार  के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते  हुए ,आदरणीय कुलपति जी की प्रेरणा से , उनके जन्मदिवस को संस्मरण दिवस के रूप में मनाया. इस अवसर पर जौनपुर साहित्य जगत से जुड़े विद्वान् साहित्यकारों नें जहाँ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई वहीं स्व.क्षेम जी से जुड़े अपनें संग्रहणीय संस्मरणों को ताज़ा भी किया.

imageइस संस्मरण दिवस पर तिलक धारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ बी.बी.सिंह,पूर्व प्राचार्य डॉ अरुण सिंह ,सल्तनत बहादुर पी.जी कालेज के पूर्व प्राचार्य और हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित समीक्षक डॉ लाल साहब सिंह,  ख्यातिलब्ध  साहित्यकार और विधिवेत्ता डॉ.पी .सी. विश्वकर्मा"प्रेम जौनपुरी",     प्रख्यात व्यंगकार श्री सभाजीत द्विवेदी "प्रखर",साहित्यकार एवं   कवि डॉ विनोद कुमार सिंह,श्री अरविन्द कुमार सिंह बेहोश,श्री देवेन्द्र वर्मा विमल तथा हाजी वकील अहमद अंसारी नें अपनें संस्मरण  एवं स्व.क्षेम की रचना से उनके संस्मरण दिवस पर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की.
  imageजनसंचार विभाग की ओर से किये गये इस आयोजन में आये हुए साहित्यकारों और कविगण का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ अजय प्रताप सिंह द्वारा और आभार प्रदर्शन अधिष्ठाता छात्र कल्याण  प्रो.राम जी लाल  द्वारा  किया गया.
संस्मरण दिवस  पर आदरणीय कुलपति जी नें कहा कि -
हर व्यक्ति मन से कवि होता है वही भावनाएं होती हैं-वही विचार होता है.सामान्य जन भावना विचारों के भंवर में घूमता-झूमता रहता है,जीता मरता रहता है ,उसे शब्दों का टोटा होता है .साहित्यकार ,कवि उन भावनाओं-विचारों को नौका बना लेता है और शब्दों की पतवार से खेते हुए दूर-सूदूर तक जा पहुंचता  है,किनारे खड़े लोंगो को भिंगोता,सुखाता है . 
 
आदरणीय कुलपति  जी नें  अपनी रचना के जरिये स्व.डॉ क्षेम को कुछ इस तरह से श्रद्धा सुमन अर्पित किया----- 
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व्यक्त करूं मन की पीड़ा ,
या कहूं कही तन की अनुभूति ,
सुनू कहीं दंगल वैचारिक ,
सुघूं या जन मन की प्रीति ,
स्वर की नैया खेने को जब,
पतवार नहीं कहीं पाता हूँ ,
अक्षर,मात्राएँ खोजबीन ,
जब जोड़ गुणा बैठाता हूँ ,
स्वर नौका के पतवारी शब्द  ,
श्रीपाल क्षेम में पाता हूँ ,
बार-बार दोहराता हूँ ,
कहते नहीं अघाता हूँ ,
हर बार उन्हें बुलाता हूँ ,
" हे क्षेम शब्द दो " गाता हूँ.......
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